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Source
TV9 Hindi
https://www.tv9hindi.com/state/uttar-pradesh/up-assembly-election-2022-all-parties-fielded-candidates-with-criminal-history-in-up-says-adr-report-1042219.html
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TV9 Hindi
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UP Assembly Election 2022: चुनाव में फिक्र तो अपराध के बाद दागी उम्मीदवारों को लेकर भी है. 10 फरवरी से पांच राज्यों में मतदान हैं. यूपी चुनाव को लेकर बड़ा घमासान है. वोटर्स किस दल को किस नेता को वोट देंगे इसे लेकर मन बना रहे हैं और नेताओं की तरफ से कई तरह के वादे और दावे किए जा रहे हैं. डोर टू डोर कैंपेन हो रहा है. गलियों में पर्चे बांटे जा रहे हैं लेकिन इन सबके बीच चुनावों पर नजर रखने वाली संस्था Association for Democratic Reforms (ADR) ने यूपी चुनाव के पहले फेज के उम्मीदवारों को लेकर बड़ी पड़ताल की है. किस पार्टी ने कितने दागी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है, उसका Detailed analysis किया है. आज इसी लिस्ट की डिटेल्स आपके साथ शेयर करेंगे ताकि आप कैंडिडेट के बैकग्राउंड को देखकर ये तय कर सकें कि आप किस तरह के नेता को चुनना चाहते हैं. कैसे नेता को विधानसभा में भेजना चाहते हैं. ADR ने यूपी में पहले चरण में चुनाव लड़नेवाले 623 उम्मीदवार में 615 उम्मीदवारों की स्क्रूटनी की है. उनके एफिडेविट की पड़ताल की है. ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, 615 में से 156 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं.

बीजेपी (BJP) ने जिन 57 कैंडिडेट्स को टिकट दिया. इनमें से 29 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी ने 28 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. इनमें से 21 उम्मीदवारों पर क्रिमिनल केस हैं. इसी तरह आरएलडी ने पहले चरण के लिए 29 कैंडिडेट को टिकट दिया है और इनमें से 17 पर क्रिमिनल केस चल रहे हैं. अब चूंकि समाजवादी पार्टी और आरएलडी का गठबंधन है. इस हिसाब से देखें तो पता चलता है कि दोनों पार्टी ने 57 में से 38 दागियों को टिकट दिया है. कांग्रेस ने भी कई दागियों को टिकट दिया है. पहले चरण के 58 उम्मीदवारों में से 21 पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जहां तक बीएसपी की बात है तो पार्टी के 56 में से 19 उम्मीदवारों ने क्रिमिनल केस डिक्लेयर किए हैं. इस रिपोर्ट से एक बात साफ है कि जो सत्ता से करे प्यार. वो दागियों से कैसे करे इनकार लेकिन ये रिपोर्ट का सिर्फ एक हिस्सा है. इसमें दागियों के नाम भी हैं. उनपर कौन-कौन से मुकदमे चल रहे हैं. इसका भी जिक्र है. इस रिपोर्ट में सारी डिटेल्स है.

दागदार छवि वाले नेताओं को टिकट देने के मामले में कोई पीछे नहीं

पिछले दो हफ्ते में यूपी में सिर्फ यही एक मुद्दा गूंज रहा है. सभी सियासी दल एक दूसरे को दागदार बताने पर तुले हुए हैं. किसने कितने दागियों को टिकट दिया. इसे लेकर जनता के बीच बहस हो रही है लेकिन ADR की रिपोर्ट कहती है दागदार छवि वाले नेताओं को टिकट देने के मामले में कोई पीछे नहीं है हमाम में सब नंगे है. पहले बीजेपी की बात करते हैं. बीजेपी पिछले पांच साल से यूपी में सत्ता में है. योगी आदित्यनाथ से लेकर पार्टी के तमाम नेता समाजवादी पार्टी की लिस्ट पर सवाल उठा रहे हैं. किसी ने गुंडों की पार्टी कहा तो किसी ने ये कहकर डराया कि समाजवादी पार्टी को वोट दिया तो फिर माफिया राज आ जाएगा. यानी ऐसा इंप्रेशन क्रिएट करने की कोशिश की गई कि बीजेपी दूध की धुली है और दूसरे दल दागदार हैं लेकिन ऐसा है नहीं. बीजेपी ने भी कई दागी मैदान में उतारे हैं. इतना ही नहीं कुछ पर तो गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं. एडीआर की रिपोर्ट कहती है कि संख्या के हिसाब से बीजेपी ने सबसे ज्यादा दागी कैंडिडेट को टिकट दिया. 57 में से 29 उम्मीदवार दागी हैं. इतना ही नहीं, 29 में से 22 ऐसे हैं जिनपर गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.

SP के 28 में से 17 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज

वैसे इस रिपोर्ट में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों की भी डिटेल डिकोड हुई है. रिपोर्ट कहती है कि समाजवादी पार्टी के 28 में से 17 उम्मीदवारों पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. RLD के 29 में से 15 कैंडिडेट पर सीरियस क्रिमिनल ऑफेंस दर्ज हैं. इसी तरह बीएसपी के 56 में से 16 और कांग्रेस के 58 में से 11 उम्मीदवारों पर गंभीर धाराओं में केस दर्ज हैं. मेरठ की सरधना सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी अतुल प्रधान का है. अतुल प्रधान पर 38 मामले दर्ज हैं. आईसीपी की 105 धाराओं में से 26 गंभीर धाराए हैं. दंगा भड़काने, हत्या की कोशिश, लूटपाट जैसे कई आरोप हैं. इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर मेरठ की हस्तिनापुर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार योगेश वर्मा का नाम है. योगेश वर्मा पर 32 आपराधिक मामले दर्ज हैं. आईपीसी की 145 धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं, इनमें 71 गंभीर धाराएं हैं. सबसे ज्यादा 15 मामले जान से मारने की धमकी देने, 13 मामले हत्या के प्रयास के हैं.

मेरठ के सिवालखास से बीजेपी के कैंडिडेट मनिंदर पाल पर 18 मुकदमे दर्ज हैं. आईपीसी की 36 धाराओं में मुकदमे हैं. एडीआर के मुताबिक पाल पर सबसे ज्यादा धोखाधड़ी के 18 केस हैं. अलीगढ़ से कांग्रेस प्रत्याशी मो. सलमान इम्तियाज के खिलाफ 17 मामले हैं.17 धाराएं गंभीर आरोपों की लगी हुई हैं. कैराना से समाजवादी पार्टी के कैंडिडेट नाहिद हसन पर 16 मुकदमे हैं. आईपीसी की 65 धाराएं लगी हैं..धोखाधड़ी, दंगा भडकाने, किडनैपिंग, जान से मारने की कोशिश जैसे इल्जाम हैं. इसके अलावा बुलंदशहर से आरएलडी के उम्मीदवार मो. यूनुस पर तो दुष्कर्म का भी एक मामला है.

कोई ये नहीं कह सकता कि दागियों से उनका कोई लेना देना नहीं

रिपोर्ट ये भी कहती है कि पहले चरण के मतदान में यूपी में छह प्रत्याशियों पर हत्या का मामला चल रहा है. इनमें दो समाजवादी पार्टी, दो एआईएमआईएम जबकि एक-एक उम्मीदवार आजाद समाज पार्टी कांशीराम और जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी शामिल हैं. सबको जनता के वोट चाहिए, सत्ता चाहिए और सरकार चाहिए लेकिन सियासत के शीर्ष तक जाने वाली सीढियां कितनी दागदार हैं. इससे किसी को कोई सरोकार नहीं. बीजेपी हो या फिर समाजवादी पार्टी या फिर कोई और राजनीतिक दल. कोई ये नहीं कह सकता कि दागियों से उनका कोई लेना देना नहीं. हर पार्टी ने आपराधिक छवि वाले को टिकट दिया. किसी ने कम दिया तो किसी ने ज्यादा. इस रिपोर्ट को दिखाने का मकसद यही है कि वेस्टर्न यूपी के लोग अपने कैंडिडेट के बायोडाटा को अच्छी तरह देख समझ लें.