देश की सात में पांच राष्ट्रीय पार्टियों की वित्त वर्ष 2015-16 में कुल आय 200 करोड़ रुपये से अधिक रही। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने नेशनल इलेक्शन वाच (एनईडब्ल्यू) के साथ मिलकर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी), नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) (सीपीएम), कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) और आल इंडिया तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के आय-व्यय के विवरण का विश्लेषण किया है। देश की सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टियों भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने तय तारीख के छह महीने बाद भी साल 2015-16 की ऑडिट रिपोर्ट नहीं जमा की है।
बसपा, एनसीपी, सीपीएम, सीपीआई और टीएमसी की वित्त वर्ष 2015-16 में कुल कमायी 200.76 करोड़ रुपये रही जिसमें से केवल 2.37 (4.75 करोड़ रुपये) प्रतिशत कमायी ही ज्ञात दानदाताओं से हुई है। इन दलों की 30.71 प्रतिशत (61.66 करोड़ रुपये) कमायी अज्ञात स्रोतों से हुई है। इन पार्टियों को 134.35 करोड़ रुपये परिसंपत्तियों को बेचकर, सदस्यता शुल्क, बैंक का ब्याज, प्रकाशन से, पार्टी लेवी इत्यादि से अर्जित हुई है।
जिन पांच राष्ट्रीय दलों की ऑडिट रिपोर्ट का एडीआर-एनईडब्ल्यू ने विश्लेषण किया है उनमें सीपीएम की कमायी 107.48 करोड़ रुपये सर्वाधिक थी। सीपीएम की 45.14 करोड़ रुपये और टीएमसी की 9.72 करोड़ रुपये कमायी अज्ञात स्रोतों से हुई है। इन पांच राष्ट्रीय दलों में बसपा की कमायी के मामले में दूसरे नंबर पर रही। उसने वित्त वर्ष में 47.385 करोड़ रुपये कमाए। जिन राष्ट्रीय दलों ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट जमा कर दी है उनमें 2015-16 में सबसे कम कमायी 2.176 करोड़ सीपीआई की रही। तृणमूल कांग्रेस को सितंबर 2016 में राष्ट्रीय दल घोषित किया गया था।
सभी राजनीतिक दलों को 31 अक्टूबर 2016 तक भारतीय चुनाव आयोग में वित्त वर्ष 2015-16 की ऑडिट रिपोर्ट जमा करनी थी। एडीआर के अनुसार भाजपा और कांग्रेस ने एक मई 2017 तक वित्त वर्ष 2015-16 की अपनी ऑडिट रिपोर्ट नहीं जमा की है। एडीआर के अनुसार चुनाव आयोग में केवल तीन दलों तृणमूल, सीपीएम और बसपा ने तय समयसीमा के अंदर अपनी ऑडिट रिपोर्ट जमा करायी थी। सीपीआई ने अपनी ऑडिट रिपोर्ट 17 नवंबर 2016 को और एनसीपी ने एक मार्च 2017 को जमा करायी थी।