योगी मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले 53 में से 22 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 20 ऐसे मंत्री हैं जिनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। एडीआर/उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच ने योगी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के घोषित वित्तीय, आपराधिक, शिक्षा, लिंग एवं अन्य विवरणों के आधार पर 53 में से 45 मंत्रियों का विश्लेषण किया। जिसमें 49 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार कानून-व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े वादे कर रही है। लेकिन उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने वाले 53 में से 22 मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। वहीं 20 ऐसे मंत्री हैं जिनके खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। एडीआर/उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच ने योगी कैबिनेट में शामिल मंत्रियों के घोषित वित्तीय, आपराधिक, शिक्षा, लिंग एवं अन्य विवरणों के आधार पर 53 में से 45 मंत्रियों का विश्लेषण किया। जिसमें 49 फीसदी मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। बता दें कि बीते शुक्रवार को लखनऊ के अटल बिहारी वाजपई इकाना स्टेडियम में योगी आदित्यनाथ समेत कुल 53 नेताओं ने शपथ ग्रहण की थी।
इनके मंत्रियों के खिलाफ दर्ज हैं आपराधिक मामले
दया शंकर सिंह, मयंकेश्वर शरण सिंह, केशव प्रसाद मौर्य, भूपेंद्र चौधरी, राकेश सचान, कपिल देव अग्रवाल, रविंद्र जायसवाल, योगेन्द्र उपाध्याय, मनोहर लाल, डा.सोमेन्द्र सिंह तोमर, गिरीश चंद्र यादव, संजय सिंह गंगवार, दिनेश खटीक, अनिल राजभर, ब्रजेश सिंह, सतीश चंद्र शर्मा, सुरेश राही, प्रतिभा शुक्ला, विजयलक्ष्मी गौतम, रमेश सिंह और धर्मपाल सिंह के नाम शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के खिलाफ 7 लंबित आपराधिक मामले हैं हालांकि, किसी भी मामले में उनपर दोष साबित नहीं हुआ। इसके अलावा सूर्य प्रताप शाही के खिलाफ 2017 के एक मामले में गैर-जमानती वारंट जारी हो चुका है। कुशीनगर की एक स्थानीय अदालत ने सूर्य प्रताप शाही के खिलाफ वारंट जारी किया था। वहीं साल 2018 में कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता (नंदी) को स्पेशल कोर्ट एमपी/एमएलए ने तीन आपराधिक मामलों में गैरजमानती वारंट किया था।
मयंकेश्वर शरण सिंह के पास सबसे ज्यादा संपत्ति
दरअसल, एडीआर के इस विश्लेषण में पाया गया है कि 45 मंत्रियों में 39 (87 प्रतिशत) ऐसे मंत्री हैं, जो करोड़पति हैं, वहीं 9 करोड़ रुपये मंत्रियों की औसतन सम्पत्ति है। सबसे ज्यादा सम्पत्ति तिलोई के मयंकेश्वर शरण सिंह की है, जिन्होंने अपनी सम्पत्ति 58.07 करोड़ घोषित की है। वहीं, सबसे कम संपत्ति विधान परिषद के सदस्य धर्मवीर सिंह की है। उन्होंने अपनी संपत्ति 42.91 लाख घोषित की है। इसके साथ ही 9 ऐसे मंत्री हैं, जिनकी शैक्षिक योग्यता 8वीं से 12वीं के बीच घोषित की है, जबकि 36 (80 प्रतिशत) ऐसे मंत्री हैं, जिनकी योग्यता स्नातक या इससे अधिक है।
लखनऊ के ये दो बड़े चेहरे कैबिनेट से बाहर
बता दें कि योगी सरकार 2.0 से लखनऊ के 2 बड़े चेहरे वर्तमान सरकार से बाहर हो गए हैं। ये नाम ऐसे हैं, जिनको लेकर पार्टी कार्यकर्ता ही नहीं, वह खुद आश्चर्य में हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम है उपमुख्यमंत्री रहे डॉ. दिनेश शर्मा और दूसरा नगर विकासमंत्री रहे आशुतोष टण्डन का है। इनके कैबिनेट से बाहर होने पर तमाम चर्चाएं चल रही हैं। माना जा रहा है कि लोक सभा चुनाव से पहले उन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की कमान दी जा सकती हैं। कार्यकर्ताओं का मानना है कि आशुतोष टण्डन पहले भी संगठन में थे। उन्हें संगठन में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है।