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Source
TV9 Hindi
tv9hindi.com/india/congress-rahul-gandhi-target-central-modi-govt-on-national-monetisation-pipeline-800170.html
Author
TV9 Hindi
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केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन (National Monetisation Pipeline) को लेकर विपक्ष हमलावर है. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) लगातार इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने में जुटी हुई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने एक बार फिर NMP को लेकर मोदी सरकार पर तंज कसा है. रविवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड सांसद राहुल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की जाने वाली ‘मन की बात’ के बहाने सरकार को घेरने का प्रयास किया.

राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘देश कर रहा है मित्र-मोनोपॉली की बात!’ इससे पहले भी राहुल इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को निशाने पर ले चुके हैं. शनिवार को राहुल ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट को लेकर अपनी बात रखी. इस दौरान उन्होंने जनता से सवाल पूछा कि जहां भारतीय जनता पार्टी (BJP) की आय में इजाफा हुआ है, क्या आपकी आय बढ़ी है. दरअसल, ADR की रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले वित्तीय वर्ष में BJP के राजनीतिक चंदे में 50 फीसदी का इजाफा हुआ है.

https://twitter.com/RahulGandhi/status/1431849407390134272?ref_src=twsr…

बीजेपी 1,651 करोड़ रुपये में से 45 फीसदी किए खर्च

ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी की 2019-20 के दौरान आय 3,623.28 करोड़ रुपए थे. इस रिपोर्ट में इस बात की भी जानकारी दी गई है कि बीजेपी ने 2019-20 के दौरान अपनी आय के 1,651 करोड़ रुपये में से 45.57 फीसदी खर्च किए. यही वजह रही कि राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि ‘BJP की आय 50 फीसदी बढ़ी है और आपकी?’. वहीं, ADR की रिपोर्ट में इस बात की जानकारी भी दी गई है कि कांग्रेस पार्टी को 682.21 करोड़ रुपये चंदे के रूप में मिले.

कृषि कानूनों को बताया ‘कृषि विरोधी कानून

वहीं, राहुल ने शुक्रवार को नए कृषि कानूनों को लेकर भी केंद्र पर निशाना साथा था. उन्होंने नए कृषि कानूनों को ‘कृषि विरोधी कानून’ करार दिया. साथ ही केंद्र सरकार पर पूंजीवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया. उन्होंने एक बार फिर इन कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की. राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘खेत को रेत नहीं होने देंगे, मित्रों को भेंट नहीं देने देंगे.’ इससे पहले, वायनाड सांसद ने केंद्र पर कृषि व्यवसाय को नष्ट करने के लिए नए कृषि कानूनों को डिजाइन करने का आरोप भी लगाया था.