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Source
India Ahead News
Date
City
New Delhi

राजनीतिक पार्टियां चंदे को लेकर हमेशा आम जनता के निशाने पर रहती हैं. लोग सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों के जरिए पार्टियों को मिलने वाले चंदे पर सवाल उठाते रहते हैं. सवाल इसलिए भी उठते हैं कि कुछ पार्टियां तो मिले चंदे की जानकारी सार्वजनिक कर देती हैं लेकिन कई पार्टियां चंदे की रकम को छिपाती हैं और सार्वजनिक करने से बचती हैं. हालांकि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 14 क्षेत्रीय दलों ने चुनावी बांड के जरिए मिलने वाले चंदे की जानकारी सार्वजनिक की है. तो चलिए जानते हैं किस पार्टी को कितना चंदा मिला है..

खबर में खास

  • ADR की रिपोर्ट के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 42 पार्टियों की कुल आय 877.957 करोड़ रुपये थी.
  • तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) को सबसे अधिक 130.46 करोड़ रुपये मिले.
  • 14 क्षेत्रीय दलों को कुल 447.498 करोड़ रुपये चंदा मिला.
  • 18 राजनीतिक दलों ने आय से ज्यादा खर्च किया.
  • 39 दलों की कुल आय घटी.

ADR के मुताबिक चुनावी चंदे की जानकारी देने वाली पार्टियों में आम आदमी पार्टी (आप), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) और जनता दल (यू) समेत 14 क्षेत्रीय दल हैं जिन्होंने 2019-20 में चुनावी बांड के जरिये 447.49 करोड़ रुपये का चंदा हासिल करने की घोषणा की है और यह उनकी आय का 50.97 फीसदी है.

ADR के अनुसार वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 42 पार्टियों की कुल आय 877.957 करोड़ रुपये
चुनाव अधिकारों से संबंधित ADR ग्रुप की एक रिपोर्ट के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए 42 क्षेत्रीय दलों की कुल आय 877.957 करोड़ रुपये थी.

तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) को सबसे अधिक 130.46 करोड़ रुपये मिले
रिपोर्ट के अनुसार, तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने सबसे अधिक 130.46 करोड़ रुपये की कमाई की है, जो उन सभी दलों की कुल आय का 14.86 प्रतिशत है, जिनकी आय का विश्लेषण किया गया था.

इस रिपोर्ट में विश्लेषण किए गए 42 क्षेत्रीय दलों की कुल आय में शिवसेना की आय 111.403 करोड़ रुपये और वाईएसआर-सी की 92.739 करोड़ रुपये थी, जो क्रमश: 12.69 प्रतिशत और 10.56 प्रतिशत है.

14 क्षेत्रीय दलों को कुल 447.498 करोड़ रुपये चंदा मिला
रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन 42 क्षेत्रीय दलों का विश्लेषण किया गया, उनमें से केवल 14 ने चुनावी बांड के माध्यम से 447.498 करोड़ रुपये का चंदा मिलने की घोषणा की है, जो उनकी कुल आय का 50.97 प्रतिशत है.

एडीआर ने कहा कि इन पार्टियों में टीआरएस, तेलुगुदेशम पार्टी (टीडीपी), वाईएसआर-कांग्रेस, बीजू जनता दल (बीजद), द्रमुक, शिवसेना, आप, जद (यू), समाजवादी पार्टी (सपा), जनता दल (सेक्यूलर), शिरोमणि अकाली दल (शिअद), ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) शामिल हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 और 2019-20 के लिए 42 राजनीतिक दलों में से 39 दलों के उपलब्ध आंकड़ों में से 23 दलों ने 2018-19 की तुलना में 2019-20 में अपनी आय में वृद्धि का जिक्र किया है, जबकि 16 दलों ने इस दौरान अपनी आय में गिरावट का उल्लेख किया है.

39 दलों की कुल आय घटी
रिपोर्ट के अनुसार, 39 दलों की कुल आय 2018-19 में 1087.206 करोड़ रुपये से 212.739 करोड़ रुपये अर्थात 19.57 प्रतिशत घटकर 2019-20 में 874.467 करोड़ रुपये रह गई.

18 राजनीतिक दलों ने आय से ज्यादा खर्च किया
एडीआर ने कहा कि 24 क्षेत्रीय दलों ने वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अपनी आय का वह शेष हिस्सा दिखाया है जो खर्च करने के बाद बचा था, जबकि 18 राजनीतिक दलों ने वर्ष के दौरान एकत्रित आय से अधिक खर्च किया.

टीआरएस की कुल आय का 83.76 प्रतिशत से अधिक खर्च नहीं हुआ है, जबकि एआईएडीएमके और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के पास वित्तीय वर्ष 2019-20 में उनकी आय का क्रमशः7.82 प्रतिशत और 64 प्रतिशत शेष बचा हुआ है.

रिपोर्ट में कहा गया है कि TDP, BJD, DMK, SP, जद (एस), ऑल झारखंड स्टुडेंट्स यूनियन (AJSU), झारखंड विकास मोर्चा- प्रजातांत्रिक(JVM-पP), इंडियन नेशनल लोकदल (INLD), पट्टाली मक्कल काची (PMK), महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (MGP), गोवा फॉरवार्ड पार्टी (GFP), सिक्किम डेमोक्रैटिक फ्रंट (SDF), मिजो नेशनल फ्रंट (MNF), ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक (AIFB), नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF), जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रैटिक पार्टी (JKPDP), इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (IPFT) और मिजोरम पीपुल्स कांफ्रेंस (MPC) 18 क्षेत्रीय दल हैं जिन्होंने अपनी आय से अधिक खर्च करने की घोषणा की है. बीजद ने सर्वाधिक 95.78 करोड़ रुपये खर्च किया है, जो उसकी आय से 106.01 प्रतिशत अधिक है.