Skip to main content
Date

भारत निर्वाचन आयोग (ईसी) जल्द ही केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को अपने उस फैसले के बारे में बताएगी जिसमें करीबन 200 राजनीतिक पार्टियों के हटाने की बात कही गई है.

इस लिस्ट में उन पार्टियों के बारे में सभी जानकारियां हैं. जल्द ही इन पार्टियों को चुनाव आयोग कार्रवाई के लिए सीबीडीटी को भेज देंगे. ये वही राजनीतिक पार्टियां हैं जिन्होंने अपने टैक्स की सही जानकारी निर्वाचन आयोग को नहीं दी है.

20 हजार से ज्यादा चंदा पाने वालों में बीजेपी नंबर वन

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार कहा जा रहा है कि ये तो बस एक शुरुआत है. ऐसी जो भी पार्टियां टैक्स को लेकर गंभीर नहीं हैं उनपर कार्रवाई की जाएगी.

आपको बता दें असोसिएशन ऑफ डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक, बीजेपी को चंदे में मिली रकम कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम और तृणमूल कांग्रेस को मिले चंदे से तीन गुना ज्यादा है. कांग्रेस को बीजेपी के बाद सबसे अधिक 20 करोड़ रुपये चंदे में मिले हैं जो उन्हें 918 डोनर्स ने दिए हैं. चंदे का ब्यौरा पार्टियों ने चुनाव आयोग को सौंपा है.

देश के 7 राष्ट्रीय पार्टियों को वर्ष 2015-16 में 20,000 रुपये से अधिक की लिमिट में 102 करोड़ का चंदा मिला है. यह रकम 1,744 चंदे से मिली है. सबसे अधिक चंदा बीजेपी को मिला है. 613 डोनर्स ने बीजेपी को कुल 76 करोड़ रुपये चंदा दिया है.

कांग्रेस और बीजेपी ने अपने आयकर रिटर्न की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं दी है इसलिए अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि 20,000 रुपये से कम की लिमिट में कितना चंदा इन्हें प्राप्त हुआ है.

वहीं दूसरी ओर बीएसपी ने यह घोषणा की है कि उसे 2015-16 के बीच 20,000 से नीचे का चंदा नहीं मिला है. वहीं, रोचक बात यह है कि 2014-15 की तुलना में पार्टियों को मिले चंदे में 528 करोड़ रुपये की कमी हुई है, यानी चंदे में 84 प्रतिशत की गिरावट आई है.

कांग्रेस को 10 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 1.17 करोड़ु रुपये, सीपीआई को 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से 22.22 लाख रुपये और बीजेपी को सिर्फ बिहार से 51,000 रुपये दान मिला है.