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अगरतला।

त्रिपुरा के विधानसभा चुनाव में सभी की नजरें करामचारा सीट पर लगी हुई है। यहां से भाजपा के दिबा चंद्र ह्ंगखॉल अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उन्होंने यहां से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। 2016 में जब कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में लेफ्ट फ्रंट से हाथ मिला लिया तो सुदीप रॉय बर्मन के  नेतृत्व में 6 विधायक पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। इनमें दिबाचंद्रा भी शामिल थे।

पिछले साल अगस्त में ये सभी भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा ने दिबाचंद्रा को करामचारा से टिकट दे दिया। आपको बता दें कि करामचारा सीट एसटी के लिए सुरक्षित है। यह उनिकोट जिले में पड़ती है। एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक दिबाचंद्रा ह्ंगखॉल की संपत्ति में 61,165 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। दिबा चंद्र ने नामांकन पत्र भरने के दौरान जो हलफनामा पेश किया उसमें कुल 40.02 लाख की संपत्ति घोषित की है। 2013 में दिबा चंद्रा ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। तब उन्होंने सिर्फ 6,697 की संपत्ति घोषित की थी।

इस रिपोर्ट के मुताबिक फिर से चुनाव लड़ रहे 54 विधायकों की संपत्ति में करीब 47 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2013 में 54.8 लाख संपत्ति थी जो 2018 में बढ़कर 80.4 लाख हो गई। फिर से चुनाव लड़ रहे विधायकों की संपत्ति में जो औसतन बढ़ोतरी हुई है उसमें सीपीएम सबसे आगे है। भाजपा के जो सात विधायक फिर से चुनाव लड़ रहे हैं उनकी संपत्ति में औसतन 43 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है जबकि सीपीएम के विधायकों की संपत्ति में औसतन 50.96 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कांग्रेस के दो विधायक जो फिर से चुनाव लड़ रहे हैं उनकी संपत्ति में 50.09 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

सीपीआई के एक मात्र विधायक जो फिर से चुनाव लड़ रहे हैं उनकी संपत्ति में 14.64 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। जिन तीन विधायकों की संपत्ति में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी हुई है वे तीनों भाजपा से हैं। 20 13 के विधानसभा चुनाव में दिबाचंद्रा ने सीपीएम के गजेन्द्र त्रिपुरा को 1372 वोटों से हराया था। दिबाचंद्रा को कुल 15,400 जबकि गजेन्द्र त्रिपुरा को 14,039 वोट मिले थे। आईपीएफटी तिप्राहा(इंडिपेंडेंट) ने कल्पा मोहन त्रिपुरा को करामचारा से टिकट दिया है। आईएनपीटी ने रतीश त्रिपुरा को चुनाव मैदान में उतारा है।