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नई दिल्ली, प्रेट्र। 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग को एम3 यानी मार्क थ्री टाइप की नई इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की पूरी खेप मिल गई हैं। आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ईवीएम की निर्माता दोनों सरकारी कंपनियों बीईएल और ईसीआइएल ने करीब 22.3 लाख बैलेट यूनिट व 16.3 लाख कंट्रोल यूनिट की खेप की आपूर्ति चुनाव आयोग को कर दी है। इनमें ईवीएम का बफर स्टॉक भी है, जिनका इस्तेमाल प्रशिक्षण या खराब मशीनों को बदलने के लिए किया जाता है।

उक्त अफसर के मुताबिक, 2019 के आम चुनावों में तकरीबन 22.3 लाख बैलेट यूनिट, 16.3 लाख कंट्रोल यूनिट और 17.3 लाख वीवीपैट (वोटर वेरीफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल) मशीनों का इस्तेमाल होगा। इन मशीनों के जरिये ही देशभर के करीब 10.6 लाख पोलिंग स्टेशनों पर मतदान होगा।

अधिकारी ने बताया कि भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रानिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआइएल) को 30 सितंबर तक ही ईवीएम की आपूर्ति चुनाव आयोग को करनी थी। लेकिन देर से ही सही, अब दोनों सरकारी उपक्रमों ने ईवीएम की आपूर्ति पूरी कर दी है।

चुनाव आयोग के उक्त अफसर के अनुसार, एम3 टाइप की ईवीएम में 24 बैलेटिंग यूनिटों को जोड़कर नोटा सहित अधिकतम 384 उम्मीदवारों के नाम समायोजित करने की क्षमता है। जबकि एम2 टाइप की मशीनों में चार बैलेटिंग यूनिटों को जोड़कर नोटा सहित अधिकतम 64 प्रत्याशियों के नाम ही शामिल करने की क्षमता है।

एक बैलेट यूनिट में केवल 16 उम्मीदवारों के नाम ही शामिल हो सकते हैं, इसलिए प्रत्याशियों की संख्या के आधार पर बैलेटिंग यूनिट को कंट्रोल यूनिट से जोड़ दिया जाता है।

ध्यान रहे कि एक ईवीएम में दो यूनिट होती हैं। इन्हें कंट्रोल यूनिट और बैलेटिंग यूनिट कहते हैं। दोनों यूनिट पांच मीटर लंबे केबल से जुड़े होते हैं। बैलेटिंग यूनिट से मतदाता वोट डालता है, जबकि कंट्रोल यूनिट, बैलेट यूनिट को नियंत्रित करती है। इसमें ही डाले गए वोटों की गिनती निहित रहती है।