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Source
Zee News
Date
City
Lucknow

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सभी पार्टियों ने अपराधिक छवि वाले लोगों को खुले दिल से टिकट दिया तो जनता ने भी इनको जिताकर विधानसभा पहुंचाने में परहेज नहीं किया. यूपी की नव निर्वाचित विधानसभा में आधे से ज्यादा विधायकों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म यूपी इलेक्शन वॉच ने रविवार को चुने गए सभी 403 विधायकों के हलफनामे का विश्लेषण कर आंकड़े जारी किए. नवनिर्वाचित विधायकों में से 205 यानी करीब 51 फीसदी पर क्रिमिनल केस दर्ज हैं.

उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने 403 विजेता उम्मीदवारों के शपथपत्रों के विश्लेषण में पाया है कि 2017 के मुकाबले 15 फीसदी से ज्यादा विधायक दागी हैं और 11 फीसदी से ज्यादा करोड़पति 18वीं विधानसभा में पहुंचे हैं. अगर बात प्रमुख पार्टियों की करें तो सबसे ज्यादा दागी सपा के टिकट पर चुने गए हैं. बीजेपी अधिक करोड़पतियों को सदन पहुंचाने में आगे रही.

403 विधायकों में से 205 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज-ADR की रिपोर्ट
ADR की रिपोर्ट के मुताबिक, विजयी उम्मीदवारों में 403 में से 205 (51 फीसदी) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. साल  2017 में 402 में से 143 विधायक ऐसे थे. इस बार 158 (39 फीसदी) ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए , जो कि 2017 में 402 में से 107 ही थे. पांच विजेता उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने ऊपर हत्या से संबंधित मामले घोषित किए हैं. 29 ने हत्या के प्रयास, 6 ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित किए हैं तो एक विधायक ऐसे भी चुने गए हैं, जिनके खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हैं.

बीजेपी के 255 में से 111 (44 प्रतिशत), समाजवादी पार्टी के 111 में से 71 (64 प्रतिशत), राष्ट्रीय लोकदल के 8 में से 7 (88 प्रतिशत), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 6 में से 4 (67 प्रतिशत), निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल (निषाद) के 6 में से 4 (67 प्रतिशत), अपना दल (सोनेलाल) के 12 में से 3 (25 प्रतिशत), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 (100 प्रतिशत), कांग्रेस के दो (100 प्रतिशत) और बसपा के एक (100 प्रतिशत) विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.

गंभीर आपराधिक मामलों में बीजेपी के 35 फीसदी, सपा के 43 प्रतिशत, रालोद के 63 फीसदी, सुभासपा के 67 फीसदी, निषाद के 67 प्रतिशत, अपना दल (एस) के 17फीसदी, जबकि कांग्रेस, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और बसपा के 100-100 फीसदी प्रत्याशी हैं. उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के कुल दो और बीएसपी के 1 ही विधायक हैं, इसलिए इनका आंकड़ा 100 प्रतिशत है.

91 फीसदी विधायक करोड़पति 
कुल 403 में से 366 यानी 91 फीसदी विधायक करोड़पति हैं.  2017 में ये आंकड़ा 80 प्रतिशत था. बीजेपी के 255 में से 233, सपा के 111 में से 100 (90 प्रतिशत), अपना दल (एस) के 12 में से 9 , रालोद के 8 में से 7, सुभासपा के छह (100 फीसदी), निषाद पार्टी के 6 , जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 (100 प्रतिशत), कांग्रेस के दो (100 फीसदी) और बीएसपी के एक (100 फीसदी) विधायक करोड़पति हैं. इन सभी की घोषित संपत्ति 1 करोड़ रुपये से ज्यादा की है. 45 प्रतिशत विधायकों की संपत्ति 5 करोड़ से अधिक 30 फीसदी की 2 से 5 करोड़ के बीच है. 20 प्रतिशत की संपत्ति 50 लाख से दो करोड़ की है.

10 में से 9 विधायक करोड़पति
इस बार हर 10 विधायकों में से 9 करोड़पति हैं. पिछली विधानसभा में 10 में से 8 विधायक करोड़पति थे. यानी इस बार 403 में से 366 विधायक करोड़पति हैं. इनमें बीजेपी के 255 में से 233, समाजवादी के 111 में से 100 विधायक, अपना दल के 12 में से 9 और रालोद के 8 में से 7 विधायक करोड़पति हैं। बाकी दलों के सभी विधायक करोड़पति हैं.