नई दिल्ली. जिस बहुजन समाज पार्टी ने ठीक 15 साल पहले उत्तर प्रदेश के चुनाव में 206 सीटें जीतकर पहली बार पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई थी उस बसपा की 2022 के विधानसभा चुनाव में किसी तरह खाता खुल गया. उसे सिर्फ एक सीट से संतोष करना पड़ा. पार्टी की इतनी लचर हालत थी कि 2022 के विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा उम्मीदवार बसपा की डूबती नैया को ही छोड़कर दूसरी पार्टियों में चले गए. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है. चुनाव निगरानी संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिसर्च (ADR) ने मंगलवार को कहा कि पांच राज्यों में 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान पार्टी बदलने वाले 276 उम्मीदवारों में से सबसे ज्यादा 27 प्रतिशत बसपा को छोड़कर ही अन्य पार्टियों में गए.
13 प्रतिशत उम्मीदवारों ने कांग्रेस छोड़ दी
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बाद कांग्रेस से अन्य पार्टियों में शामिल होने वाले दूसरे नंबर रहे. विधानसभा चुनावों से पहले अपने दलों को छोड़ने वाले कुल उम्मीदवारों में से 13 प्रतिशत ने कांग्रेस छोड़ दी. ‘नेशनल इलेक्शन वॉच एंड एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने उन 276 उम्मीदवारों और 85 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण किया, जिन्होंने 2017 से 2022 के दौरान पार्टियां बदलीं और इस साल उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, गोवा और मणिपुर में हुआ विधानसभा चुनाव लड़ा.
सपा में सबसे ज्यादा शामिल हुए
रिपोर्ट के मुताबिक, हाल के विधानसभा चुनावों के दौरान (75 उम्मीदवार) 27 फीसदी बसपा को छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल हो गए, जबकि (37 उम्मीदवारों) 13 फीसदी ने कांग्रेस छोड़ दी. वर्ष 2022 के चुनावों में, 276 उम्मीदवारों में से 54 (20 प्रतिशत) समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हुए. इसके बाद 35 उम्मीदवार (13 प्रतिशत) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हुए और 31 उम्मीदवार (11 प्रतिशत) बसपा में शामिल हुए. सबसे अधिक 27 विधायकों (32 प्रतिशत) ने भाजपा छोड़ दी, जबकि 24 विधायकों (28 प्रतिशत) ने हाल में हुए चुनाव को लड़ने के लिए कांग्रेस छोड़ दी.