चुनाव सुधार के क्षेत्र में काम करने वाले गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक सियासी दलों ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले आपराधिक पृष्ठभूमि के 212 उम्मीदवारों के चयन के लिए कोई कारण नहीं बताया है. एडीआर ने बोला है कि कई मामलों में कारण बताने के बजाय सियासी दलों ने अपने इस कदम को जायज ठहराया है.
एडीआर ने इस वर्ष की आरंभ में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने वाले 1,178 उम्मीदवारों के फॉर्मेट सी7 का विश्लेषण किया. आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 212 उम्मीदवारों के चयन के लिए संबद्ध सियासी दलों ने कोई कारण नहीं मौजूद कराया है.
उत्तर प्रदेश में, आपराधिक मामलों वाले 827 उम्मीदवारों में 689 (83 प्रतिशत) और गंभीर आपराधिक मामलों वाले 623 उम्मीदवारों में 511 (82 प्रतिशत) के चयन के लिए संबद्ध सियासी दलों ने कारण बताए हैं. आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 138 उम्मीदवारों (17 प्रतिशत) के चयन के लिए संबद्ध सियासी दलों ने कोई कारण नहीं बताया है.
उत्तराखंड में, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 76 उम्मीदवारों में 64 (84 प्रतिशत) और गंभीर आपराधिक मामलों वाले 43 उम्मीदवारों में 37 (86 प्रतिशत) के चयन के लिए कारण मौजूद कराया गया. इसके साथ ही उत्तराखंड में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 12 (16 प्रतिशत) उम्मीदवारों के चयन के लिए संबद्ध सियासी दलों ने कोई कारण नहीं बताया है. गोवा में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 29 (51 प्रतिशत) उम्मीदवारों के चयन के लिए संबद्ध दलों ने कारण नहीं बताया है.
मणिपुर में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले दो (पांच प्रतिशत) उम्मीदवारों के चयन के लिए संबद्ध सियासी दलों ने कारण नहीं बताया है. पंजाब में आपराधिक मामलों वाले 177 उम्मीदवारों में 146 (82) फीसदी के चयन के लिए और गंभीर आपराधिक मामलों वाले 120 उम्मीदवारों में 104 (87 प्रतिशत) के लिए कारण मौजूद कराया गया.इसके साथ ही पंजाब में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 31 (18 प्रतिशत) उम्मीदवारों के चयन के लिए संबद्ध सियासी दलों ने कोई कारण नहीं बताया.
रिपोर्ट में बोला गया है कि ‘बगैर आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों का चयन क्यों नहीं किया गया’, शीर्षक वाले कॉलम में यह पाया गया है ज्यादातर मामलों में प्रश्न का साफ उत्तर देने के बजाय यह औचित्य बताया गया कि क्यों इन उम्मीदवारों का चयन किया गया. कुछ उम्मीदवारों के लिए दलों ने इस बात का जिक्र किया कि उनके चुनाव जीतने की सर्वाधिक आसार थी.