राजनीति और अपराध का बहुत पुराना रिश्ता रहा है और देश में ऐसे सैकड़ों सांसद और विधायक हैं जो इससे संबंध रखने के बाद भी सत्ता पर काबिज हैं। इन सांसदों और विधायकों में कुछ के खिलाफ तो महिलाओं से अपराध के मामले भी दर्ज हैं।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की रिपोर्ट के अनुसार 1580 सांसदों और विधायकों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं। रिपोर्ट में महिलाओं के खिलाफ अपराध की वारदातों को अंजाम देने वाले 48 सांसद और विधायकों का भी जिक्र है।
महिलाओं के खिलाफ आपराधिक छवि वाले इन सांसदों और विधायकों में सबसे अधिक 12 भारतीय जनता पार्टी से संबंध रखते हैं। इसके बाद शिवसेना से 7 और तृणमूल कांग्रेस से 6 नेता इसमें शामिल हैं। जिन 48 नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं उनमें 45 विधायक और 3 सांसद हैं। इन पर जो आरोप लगे हैं उनमें अपहरण, दुष्कर्म, घरेलु हिंसा और तस्करी जैसे गंभीर अपराध का भी शामिल हैं।
इस रिपोर्ट को सांसदों के 776 में से 768 और विधायकों के 4120 में से 4077 शपथ-पत्रों के आधार पर तैयार किया गया है। रिपोर्ट के अुनसार सभी बड़े राजनीतिक दल इस प्रकार के प्रत्याशियों को टिकट बांटते हैं। इस संबंध में एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच ने गंभीर आपराधिक मामलों में लिप्त नेताओं के चुनाव में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी।