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नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में जीते हुए कुल 542 में से 341 उम्मीदवार ऐसे रहे जिन्हें 50 प्रतिशत से भी अधिक वोट मिले।

एक रिपोर्ट के अनुसार, कई क्षेत्रों में आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों को भी 50 प्रतिशत से भी अधिक वोट मिले।

लोगों ने देश की कमान एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपी। दूसरे कार्यकाल के लिए लोगों ने उन्हें चुनते हुए 542 सीटों वाली लोकसभा में से 303 सीटें दी।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच (एनईडब्ल्यू) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 341 (63 प्रतिशत) उम्मीदवार ऐसे थे, जिन्होंने 50 प्रतिशत से भी अधिक अंतर के साथ जीत दर्ज की।

रिपोर्ट में कहा गया, "हलांकि 201 उम्मीदवार (37 प्रतिशत) ऐसे भी थे जिन्होंने 50 प्रतिशत से कम वोटों के साथ जीत दर्ज की।"

रिपोर्ट में दावा किया गया कि 2019 के आम चुनावों में पड़े वोटों के अनुसार जीत का औसत 52.7 प्रतिशत रहा। इसमें कहा गया है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जीते हुए 303 उम्मीदवारों में से 79 प्रत्याशी (26 प्रतिशत) ऐसे थे, जिन्हें उनके क्षेत्र में पड़े वोटों में से 50 प्रतिशत से कम वोट मिले।

कांग्रेस के 52 जीते हुए उम्मीदवारों में से 34 (65 प्रतिशत) को 50 प्रतिशत से कम वोट मिले। वहीं द्रमुक के 23 उम्मीदवारों में से चार ऐसे थे जो 50 प्रतिशत से अधिक मतों से जीते।

इसमें कहा गया है कि जीते आपराधिक मामलों वाले 233 उम्मीदवारों में से 132 उम्मीदवारों ने 50 फीसदी और उससे अधिक की वोट हिस्सेदारी के साथ जीत हासिल की है।

रिपोर्ट में कहा गया कि घोषित आपराधिक मामलों वाले 233 उम्मीदवारों में से 115 ने 'साफ' पृष्ठभूमि वाले रनर अप रहे प्रत्याशियों के खिलाफ जीत दर्ज की है।

(ये खबर सिंडिकेट फीड से ऑटो-पब्लिश की गई है. हेडलाइन को छोड़कर क्विंट हिंदी ने इस खबर में कोई बदलाव नहीं किया है.)