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India Daily
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India Daily Live
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ADR Report: 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर एडीआर ने दावा किया है कि 99 पर्सेंट सीटों पर डाले गए वोट और गिने गए वोटों की संख्या में अंतर है. इसमें यूपी, बिहार, दिल्ली और उत्तराखंड जैसे राज्यों की सभी सीटें शामिल हैं. एडीआर का कहना है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद इसी तरह के आंकड़े सामने आए थे लेकिन तब सीटों की संख्या 2024 की तुलना में कम थी. इस रिपोर्ट के बाद पारदर्शिता को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल खड़े हो गए हैं.

चुनाव सुधार और चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने से जुड़े काम करने वाली संस्था असोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक नई रिपोर्ट ने सनसनी मचा दी है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के लोकसभा चुनाव में 543 में से 538 सीटों पर डाले गए वोटों की संख्या और गिने गए वोटों की संख्या में अंतर है. कहीं पर वोट कम गिने गए हैं तो कहीं गिने गए वोटों की संख्या डाले गए वोटों की संख्या से ज्यादा है. एडीआर के संस्थापक जगदीप छोकर ने यह रिपोर्ट जारी करते हुए जो दावे किए हैं उससे चुनाव आयोग और उसकी कार्य प्रणाली के साथ-साथ चुनावी पारदर्शिता पर भी अहम सवाल उठ रहे हैं.कई सीटें ऐसी भी हैं जहां पर यह अंतर इतना ज्यादा है कि उससे चुनाव नतीजे अलग भी हो सकते हैं.


एडीआर रिपोर्ट के मुताबिक, देश की 362 लोकसभा सीटों पर कुल मिलाकर 5,54,598 वोट कम गिने गए. वहीं, देश की 176 लोकसभा सीटों पर कुल मिलाकर 35093 वोट ज्यादा गिने गए. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इसी तरह की जांच 2019 में भी की गई थी और तब 347 सीटों पर विसंगतियां मिली थीं. इस बार ऐसी सीटों की संख्या बढ़कर 538 हो गई है. यानी सिर्फ 5 सीटें ऐसी हैं जिन पर डाले गए वोट और गिने गए वोट की संख्या में कोई अंतर नहीं पाया गया है.

चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

इस बारे में प्रो. जगदीप छोकर का कहना है, 'वोटिंग का अंतिम आंकड़ा जारी करने में देरी, निर्वाचन क्षेत्र और मतदान केंद्रों के अलग-अलग डेटा का अभाव और आखिर में मिलाए गए आंकड़ों के आधार पर चुनाव के नतीजे घोषित किए गए या नहीं, ये सारी चीजें ऐसी हैं जो चुनाव के नतीजों को लेकर शंका पैदा करती हैं.' रिपोर्ट के मुताबिक, चुनाव आयोग अभी तक डेटा से जुड़ी पारदर्शिता सुनिश्चित करने और देरी  का उचित स्पष्टीकरण देने में विफल रहा है.

इन आंकड़ों के मुताबिक, यूपी की 55 सीटें ऐसी हैं जिन पर कम वोट गिने गए और 25 सीटों पर ज्यादा वोट गिने गए. बिहार की 19 सीटों पर कम वोट गिने गए हैं और 21 सीटों पर ज्यादा वोट गिने गए हैं. ऐसे ही दिल्ली की सभी सात सीटों पर गिने गए वोट डाले गए वोटों तुलना में कम हैं. झारखंड की 12 सीटों पर कम वोट गिने गए तो दो सीटों पर ज्यादा वोट गिने गए हैं. उत्तराखंड की सभी 5 सीटों पर भी कम वोट गिने गए हैं.