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Source
Jagran
Date
City
Lucknow

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बाहुबल और धनबल से किसी दल ने परहेज नहीं किया। पार्टियों ने ऐसे लोगों को खुले दिल से टिकट बांटे तो इन्हें जिताकर विधानसभा पहुंचाने में जनता ने भी संकोच नहीं किया। उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म (एडीआर) ने 403 विजेता उम्मीदवारों के शपथपत्रों के विश्लेषण में पाया है कि 2017 के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक दागी और 11 प्रतिशत अधिक करोड़पति 18वीं विधानसभा में पहुंचे हैं। प्रमुख पार्टियों की बात करें तो अधिक दागी सपा के टिकट पर चुने गए हैं तो अधिक करोड़पतियों को सदन पहुंचाने में भाजपा आगे रही।

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, विजेता उम्मीदवारों में 403 में से 205 (51 प्रतिशत) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। 2017 में 402 में से 143 (36 प्रतिशत) विधायक ऐसे थे। इस बार 158 (39 प्रतिशत) ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जो कि 2017 में 402 में से 107 (26 प्रतिशत) ही थे। पांच विजेता उम्मीदवार ऐसे हैं, जिन्होंने अपने ऊपर हत्या से संबंधित मामले घोषित किए हैं। 29 ने हत्या के प्रयास, छह ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित किए हैं तो एक विधायक ऐसे भी चुने गए हैं, जिनके खिलाफ दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हैं।

दलवार समीक्षा की जाए तो भाजपा के 255 में से 111 (44 प्रतिशत), समाजवादी पार्टी के 111 में से 71 (64 प्रतिशत), राष्ट्रीय लोकदल के 8 में से 7 (88 प्रतिशत), सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के 6 में से 4 (67 प्रतिशत), निर्बल इंडियन शोषित हमारा अपना दल (निषाद) के 6 में से 4 (67 प्रतिशत), अपना दल (सोनेलाल) के 12 में से 3 (25 प्रतिशत), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 2 (100 प्रतिशत), कांग्रेस के दो (100 प्रतिशत) और बसपा के एक (100 प्रतिशत) विजेता उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

गंभीर आपराधिक मामलों में भाजपा के 35 प्रतिशत, सपा के 43 प्रतिशत, रालोद के 63 प्रतिशत, सुभासपा के 67 प्रतिशत, निषाद के 67 प्रतिशत, अपना दल (एस) के 17 प्रतिशत, जबकि कांग्रेस, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक और बसपा के सौ-सौ प्रतिशत प्रत्याशी हैं। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के कुल दो और बसपा के एक ही विधायक हैं, इसलिए इनका आंकड़ा सौ प्रतिशत है।

91 प्रतिशत विधायक करोड़पति : कुल 403 में से 366 यानी 91 प्रतिशत विधायक करोड़पति हैं। 2017 में यह आंकड़ा 80 प्रतिशत था। भाजपा के 255 में से 233 (91 प्रतिशत), सपा के 111 में से 100 (90 प्रतिशत), अपना दल (एस) के 12 में से नौ (75 प्रतिशत), रालोद के आठ में से सात (88 प्रतिशत), सुभासपा के छह (100 प्रतिशत), निषाद पार्टी के छह (100 प्रतिशत), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो (100 प्रतिशत), कांग्रेस के दो (100 प्रतिशत) और बसपा के एक (100 प्रतिशत) विधायक करोड़पति हैं। इन सभी की घोषित संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक की है। 45 प्रतिशत विधायकों की संपत्ति पांच करोड़ से अधिक 30 प्रतिशत की दो से पांच करोड़ के बीच है। 20 प्रतिशत की संपत्ति 50 लाख से दो करोड़

अमित अग्रवाल सबसे अमीर : विजेता विधायकों में सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले शीर्ष तीन उम्मीदवारों में पहले स्थान पर मेरठ जनपद के भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार अमित अग्रवाल हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति 148 करोड़ बताई है। दूसरे स्थान पर मुरादाबाद जिले के मुरादाबाद रूरल सीट से समाजवादी पार्टी के मोहम्द नासिर हैं, जिनकी संपत्ति 60 करोड़ हैं। तीसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के अंबेडकरनगर के जलालपुर विधानसभा सीट से राकेश पांडेय हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति 59 करोड़ बताई है। विजेता उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 8.06 करोड़ है, जो 2017 में 5.92 करोड़ थी।

ये भी जानिए

  • 22 प्रतिशत की शैक्षिक योग्यता 8वीं और 12वीं के बीच।
  • 76 प्रतिशत की योग्यता स्नातक और इससे अधिक घोषित की हैं।
  • 42 प्रतिशत की आयु 25 से 50 वर्ष के बीच घोषित है।
  • 58 प्रतिशत विधायक 51 से 80 वर्ष के बीच हैं।
  • दो विधायकों की उम्र 80 वर्ष से अधिक है।
  • 403 में से 47 यानी 12 प्रतिशत महिला विधायक हैं। 2017 में इनकी संख्या दस प्रतिशत थी।