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Source
अमृत विचार
https://amritvichar.com/adr-report-72-percent-ministers-of-the-mahagathbandhan-government-in-bihar-criminal-cases/
Author
अमृत विचार
Date
City
Patna

वर्तमान के 33 मंत्रियों में से 23 के खिलाफ आपराधिक मामले और 17 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली महागठबंधन सरकार के 72% मंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। विधानसभा चुनाव 2020 में जमा किए गए हलफनामे के अनुसार, वर्तमान के 33 मंत्रियों में से 23 के खिलाफ आपराधिक मामले और 17 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

बिहार में नए मंत्रिमंडल में शामिल 72 फीसदी मंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं। गैर-सरकारी संगठन ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने यह जानकारी दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ भी मामले दर्ज हैं।

हाल में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का साथ छोड़कर राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ मिलकर सरकार बनाने वाले मुख्यमंत्री कुमार ने मंगलवार को 31 मंत्रियों को शामिल करते हुए मंत्रिमंडल का विस्तार किया था।

बिहार मंत्री परिषद के विस्तार के बाद एडीआर और ‘बिहार इलेक्शन वॉच’ ने मुख्यमंत्री समेत 33 में से 32 मंत्रियों द्वारा 2020 विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल हलफनामे का विश्लेषण किया है।

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, जनता दल (यूनाइटेड) के नेता एवं कैबिनेट मंत्री अशोक चौधरी को अपना हलफनामा जमा करने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वह विधान परिषद के मनोनीत सदस्य हैं, इसलिए आपराधिक, वित्तीय और अन्य विवरणों संबंधी उनकी जानकारी सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध नहीं है।

रिपोर्ट के मुताबिक, 23 मंत्रियों (72 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं जबकि 17 मंत्रियों (53 फीसदी) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। वहीं, 32 मंत्रियों में से 27 (84 फीसदी) करोड़पति हैं।

इसके मुताबिक, सर्वाधिक संपत्ति वाले मंत्री समीर कुमार महासेठ हैं जो मधुबनी सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं। समीर की संपत्ति 24.45 करोड़ रुपये की है। वहीं, सबसे कम संपत्ति वाले मंत्री मुरारी प्रसाद गौतम हैं, जिनकी संपत्ति 17.66 लाख रुपये की है।

एडीआर के मुताबिक, आठ मंत्रियों (25 प्रतिशत) ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं से 12वीं कक्षा के बीच जबकि 24 मंत्रियों (75 प्रतिशत) ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है।