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चुनावी ट्रस्ट की वित्त वर्ष 2019-20 मेंचंदा संबंधी रिपोर्ट का विश्लेषण करनेवाली एडीआर की रिपोर्टमेंकहा गया कि चुनावी ट्रस्ट को चंदा देनेवालेशीर्षचंदा प्रदाताओं में जेएसडब्ल्यू, अपोलो टायर्स, इंडियाबुल्स, दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा और डीएलएफ समूह शामिल हैं। जेएसडब्ल्यूस्टील लिमिटेड नेसभी चंदा प्रदाताओं मेंसेसर्वाधिक 39.10 करोड़ रुपयेका चंदा दिया। चंदा देनेके मामलेमेंदूसरे नंबर पर अपोलो टायर्सने सर्वाधिक 30 करोड़ रुपयेका चंदा दिया। वहीं, इंडियाबुल्स ने विभिन्न चुनावी ट्रस्ट को 25 करोड़ रुपयेका चंदा दिया। रिपोर्ट में कहा गया हैकि वित्त वर्ष 2019-20 मेंविभिन्न ट्रस्ट को 18 लोगों नेभी चंदा प्रदान किया। इनमेंसे10 लोगों नेप्रूडेंड इलेक्टोरल ट्रस्ट को 2.87 करोड़ रुपयेका चंदा दिया। चार लोगों नेस्माल डोनेशंस इलेक्टोरल ट्रस्ट को 5.50 लाख रुपयेऔर चार लोगों ने स्वदेशी इलेक्टोरल ट्रस्ट को कुल एक लाख रुपये का चंदा दिया।  इसमें कहा गया, ‘‘भाजपा को चंदेके रूप में276.45 करोड़ रुपयेमिलेजो सभी राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदेकी 76.17 प्रतिशत राशि है। इसके बाद कांग्रेस को 58 करोड़ रुपयेमिलेजो सभी सातों चुनावी ट्रस्ट सेसभी राजनीतिक दलों को मिलेकुल चंदेकी 15.98 प्रतिशत राशि है।'' रिपोर्टमेंकहा गया कि आप, सपा, जदयू, लोजपा, शिअद, इनेलो सहित अन्य 12 दलों को सामूहि क रूप सेकुल 25.4652 करोड़ रुपयेका चंदा मिला। निर्वाचन आयोग ने पारदर्शिता के लिए चुनावी ट्रस्ट को मिलेचंदेऔर उनके द्वारा इसेराजनीतिक दलों को जारी करनेसंबंधी रिपोर्टजमा करनेके लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे। येदिशा-निर्देश जनवरी 2013 के बाद बनेसात चुनावी ट्रस्ट-सत्य इलेक्टोरेल रे ट्रस्ट, प्रतिनिधि इलेक्टोरल ट्रस्ट, पीपुल्स इलेक्टोरेल रे ट्रस्ट, प्रोग्रेसिव इलेक्टोरल ट्रस्ट, जनहित इलेक्टोरेल रे ट्रस्ट, बजाज इलेक्टोरेल रे ट्रस्ट और जनप्रगति इलेक्टोरेल रे ट्रस्ट को जारी किए गए थे। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्डमेंपंजीकृत 21 चुनावी ट्रस्ट मेंसे14 ने2019-20 का चंदा संबंधी अपना ब्योरा निर्वाचन आयोग के पास जमा किया जिनमेंसेकेवल सात नेघोषणा की कि उन्हें उस साल कोई न कोई चंदा मिला था।