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Date: 
18.06.2022
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हाल ही में जारी ADR की रिपोर्ट में राष्ट्रीय राजनैतिक पार्टियों की आय और खर्चे की जानकारी दी गयी है। जिसमें बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 8 राष्ट्रीय पार्टियों (बीजेपी, कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम, बसपा, तृणमूल कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी) ने चंदे के तौर पर 1,373.78 करोड़ रुपये की धनराशि है मिली।  जिसमे से सबसे ज्यादा BJP ने 752.34 करोड़ रुपये की घोषित आय की जानकारी दी है। वही कांग्रेस ने 285.77 करोड़, CPM ने 171.42 करोड़, AITC ने 74.42 करोड़, BSP ने 52.47 करोड़, NCP ने 34.92 करोड़, CPI ने 2.13 करोड़, NPEP ने करीब 70 लाख रुपये की घोषित आय की जानकारी दी है।  

किसी भी राजनैतिक पार्टी के कामकाज और अन्य गतिविधियों को चलाने के लिए चंदे की जरूरत पड़ती है। चुनाव के दौरान, रैलियों और जनसभाओं में सभी पार्टियों को अच्छा खासा पैसा खर्च करती है। क्योंकि पार्टियां इसी माध्यम से अपनी हवा बनाने की कोशिश करती है। राजनैतिक पार्टियां चंदे का बढ़ा हिस्सा स्वेच्छिक योगदान के मध्य में लोगों के बीच से जुटाया करती है। हालांकि यह बात सभी जानते हैं कि कई पार्टिया वोटो की खरीदारी के लिए भी गुप्त तरीके से जुटाए गए काले धन का इस्तेमाल करती है। आपने भी चुनाव के दौरान इस तरह की कई खबरे सुनी होंगी कि जगह-जगह गाड़ियों में शराब और पैसे बरामत किए गए है।

इसलिए भारतीय निर्वाचन आयोग ने इस तरह के मामलों को रोकने के लिए 19 नवंबर 2014 में राजनैतिक दलों के अध्यक्षों को सम्बोधित करते हुए सभी दलों की आय और खर्चे का लेखा जोखा जारी करने के आदेश दिए थे। राजनैतिक पार्टियों को यह जानकारी विधानसभा चुनाव के 70 दिन बाद और लोक सभा चुनाव के 90 दिन बाद तक के आदेश दिए थे।  इसलिए राजनैतिक पार्टियां हर साल अपनी आय और खर्चो का लेखा -  जोखा भारतीय निर्वाचन आयोग को देती हैं। भारतीय निर्वाचन आयोग ने चुनाव में काले धन के इस्तेमाल को रोकने और चुनाव में होने वाले खर्चो को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया था।

ADR की रिपोर्ट में कुछ मुख्य बिंदु निकलकर सामने आए है। पहला बिंदु यह है  कि भातरीय जनता पार्टी को अन्य सभी राष्ट्रीय पार्टियों के मुकाबले सबसे ज्यादा चंदा मिला है। जहां वित्तीय वर्ष 2020-21 में BJP को 752.34 करोड़ रुपये चंदा मिला है, वही अन्य सभी 7 राष्ट्रीय पार्टियों को मिलकर भी मात्र 621.4 करोड़ रुपये ही चंदा मिला है।

दूसरा बिंदु, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 7 राष्ट्रीय पार्टियों ने कुल 474.40 करोड़ रुपये खर्च किये है, जबकि अकेले BJP ने 620.40 करोड़ रुपये खर्च किये है।

तीसरा बिंदु, 2020 के विधानसभा चुनाव में सभी राष्ट्रीय पार्टियों ने मिलाकर 230.53 करोड़ रुपये खर्च किये है, जबकि अकेले BJP ने विधानसभा चुनाव में 421 करोड़ रुपये खर्च किये है।  .

चौथा बिंदु, 2019-20 की रिपोर्ट में लोकसभा चुनावों के दौरान सभी 7 राष्ट्रीय पार्टियों को मिलकर देखे तो 1,136.81 करोड़ रुपये की आय की जानकारी दी गयी थी, जबकि अकेले BJP को 3,623.28 करोड़ रुपये की आय हुई थी जोकि अन्य पार्टियों की आय का 300 फीसदी से भी ज्यादा है।  

वित्तीय वर्ष 2020-21 राजनैतिक दलों की आय का मुख्य साधन
 
वित्तीय वर्ष  2020-21 में 8 राष्ट्रीय राजनैतिक दलों ने 1,373.78 करोड़ की धनराशि जुटाने की जानकारी चुनाव आयोग को दी है। सबसे ज्यादा पैसा BJP ने जुटाए हैं। वित्तीय वर्ष 2020-21 में BJP ने कुल 752.34 करोड़ रुपये की आय की जानकारी दी है, जिसमें से BJP 577.97 करोड़ रुपये स्वैच्छिक योगदान से मिला है और 168.75 करोड़ रुपये बैंक से ब्याज के प्राप्त हुए है। जबकि कांग्रेस को चंदा जुटाने के लिए भी संघर्ष करना पड़ रहा है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में कांग्रेस ने 285.77 करोड़ रुपये की आय की जानकारी दी है। जिसमें से सबसे बड़ी रकम 156.91 करोड़ रुपये कूपन जारी करके जुटाए है और 95 करोड़ रूपया ही स्वैच्छिक योगदान से मिला है।

वही CPM ने 171.42 करोड़ रुपये की आय घोषित की है, जिसमें से 95 करोड़ रुपये स्वैच्छिक योगदान से मिले है।  AITC ने 74.42 करोड़ की आय घोषित की है, जिसमे से 42 करोड़ रूपया स्वैच्छिक योगदान से आया है।  BSP ने 52.47 करोड़ रुपये की आय घोषित की है, जिसमे से 46 करोड़ रुपये बैंक से ब्याज के प्राप्त हुआ है।  NCP ने 34.92 करोड़ रुपये की आय घोषित की है, जिसमे से 26 करोड़ रुपये स्वैच्छिक योगदान से आए है। CPI ने 2.13 करोड़ रुपये की आय घोषित की है, जिसमे से बड़ी रकम यानी 78 लाख रुपये मेम्बरशिप के माध्यम से प्राप्त हुई है और NPEP ने करीब 70 लाख रुपये की आय घोषित की है, जिसमे से 67 लाख रुपये स्वैच्छिक योगदान से मिले है।

वित्तीय वर्ष -2020-21 के दौरान राजनैतिक दलों का व्यय और चुनाव पर खर्चा

वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान राजनैतिक दलों ने जितना चंदा जुटाया है, उसमे से करीब 80 फीसदी यानी 1,094.79 करोड़ रुपये का खर्चा किया है। वित्तीय वर्ष 2020-21 में बीजेपी ने 620.40 करोड़ रूपया खर्च किया, जिसमे से 67 फीसदी यानी 421 करोड़ रूपया चुनाव में खर्च किया है। कांग्रेस ने 209 करोड़ रुपये  में से 91 करोड़ रुपये चुनाव में खर्च किये है।

AITC ने 132.54 करोड़ रुपये में से 90 करोड़ रुपये चुनाव में खर्च किये, CPM ने 101.81 करोड़ रुपये में से 38 करोड़ रुपये चुनाव में खर्च किए, BSP ने 17.30 करोड़ रुपये में से 9 करोड़ रुपये चुनाव में खर्च किए, NCP ने 12.18 करोड़ रुपये खर्च किए, CPI ने 1.26 करोड़ रुपये में से 24 लाख रुपये चुनाव पर खर्च किए और NPEP ने 32 लाख रुपये में से 13 लाख रुपये चुनाव में खर्च किए है |

आपको बता दे कि 2019 में लोक सभा चुनाव हुए थे, लोक सभा चुनावों के दौरान बीजेपी को सबसे ज्यादा चंदा मिला था वित्तीय वर्ष 2019-20 की रिपोर्ट के अनुसार 8 राष्ट्रीय पार्टियों की कुल घोषित आय 4760.09 करोड़ रुपये थी, BJP को छोड़कर अन्य सभी 7 राष्ट्रीय पार्टियों को मिलकर देखे तो 1,136.81 करोड़ रुपये की आय की जानकारी दी गयी थी, जबकि अकेले BJP के पास 3,623.28 करोड़ रुपये की आय हुई थी, जोकि अन्य पार्टियों की आय का 300 फीसदी से भी ज्यादा है।  जैसा की निचे चित्र में दिखाया गया है।

रिपोर्ट की माने तो BJP देश की सबसे आमिर पार्टी है, जिसकी आय अन्य राष्ट्रीय पार्टियों की आय से कई गुना ज्यादा है। BJP हर साल सबसे ज्यादा पैसा चुनाव पर खर्च करती है।  चुनाव में ज़्यादा पैसा ख़र्च करके अपनी हवा बनाने में कामयाब हो जाती है। जबकि कांग्रेस देश की पुरानी और मजबूत पार्टी रही है लेकिन उसको आज के समय चंदा जुटाने में संघर्ष करना पड़ रहा है। कांग्रस अपने पैसे का बड़ा हिंसा कूपन जारी करके जुटा रही है, जबकि BJP स्वेच्छिक योगदान के जरिये ही अच्छी खासी आमदनी कर लेती है। 

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