एडीआर-नेशनल इलेक्शन वॉच द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 31 प्रतिशत मौजूदा राज्यसभा सांसदों ने अपने खिलाफ चल रहे आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। उच्च सदन के सदस्यों की औसत संपत्ति 79.54 करोड़ रुपये है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और नेशनल इलेक्शन वॉच ने 233 मौजूदा सांसदों में से 226 के आपराधिक, वित्तीय और अन्य पृष्ठभूमि विवरणों का विश्लेषण किया है।
मौजूदा राज्यसभा सांसदों में से 197 (87 फीसदी) करोड़पति
मौजूदा राज्यसभा में एक सीट खाली है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दो सांसदों का विश्लेषण नहीं किया गया है क्योंकि उनके हलफनामे उपलब्ध नहीं थे और जम्मू-कश्मीर की चार सीटें अपरिभाषित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 226 मौजूदा राज्यसभा सांसदों में से 197 (87 फीसदी) करोड़पति हैं और प्रति राज्यसभा सांसद की औसत संपत्ति 79.54 करोड़ रुपये है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 226 राज्यसभा सदस्यों में से 71 (31 प्रतिशत) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं और 37 (16 प्रतिशत) ने गंभीर आपराधिक मामलों की जानकारी दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यसभा के दो सांसदों ने हत्या से जुड़े मामले (आईपीसी की धारा 302) और चार सांसदों ने हत्या के प्रयास (आईपीसी की धारा 307) से जुड़े मामले घोषित किए हैं। चार राज्यसभा सांसदों ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामलों की घोषणा की है और इन चार सांसदों में से एक, राजस्थान के केसी वेणुगोपाल (कांग्रेस) ने बलात्कार से संबंधित मामले (आईपीसी धारा 376) की जानकारी दी है।
इन पार्टियों के सांसदों के खिलाफ आपराधिक मामले
रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के 85 राज्यसभा सांसदों में से 20 (24 फीसदी), कांग्रेस के 31 सांसदों में से 12 (39 फीसदी), एआईटीसी के 13 में से तीन (23 फीसदी), राजद के छह में से पांच (80 फीसदी), माकपा के पांच में से चार (80 प्रतिशत), आप के 10 में से तीन (30 प्रतिशत), वाईएसआरसीपी के नौ में से तीन (33 प्रतिशत) और एनसीपी के चार में से दो (50 प्रतिशत)राज्यसभा सांसदों ने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं।
राज्यवार विवरण देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के 31 राज्यसभा सांसदों में से सात (23 फीसदी), महाराष्ट्र के 19 सांसदों में से 12 (63 फीसदी), तमिलनाडु के 18 में से छह (33 फीसदी) सांसद हैं। पश्चिम बंगाल के 16 में से तीन (19 प्रतिशत), केरल के नौ में से छह (67 प्रतिशत) और बिहार के 16 राज्यसभा सांसदों में से 10 (63 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।