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Newstrack
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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर (ADR) की रिपोर्ट में एक बार फिर चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। इस बार रिपोर्ट में जो जानकारी निकलकर आई है उसके अनुसार 16 क्षेत्रीय पार्टियों ने बिना पैन विवरण के 24.779 करोड़ रुपए के 1,026 चंदा प्राप्त करने की घोषणा की है। अब सवाल उठता है कि जब आम आदमी को 50 हजार से ऊपर के भुगतान आदि के लिए पैन से जुड़ी जानकारी संलग्न करनी होती है, तो फिर ये पार्टियां बेहिचक इस तरह चंदे कैसे प्राप्त कर रही है। जबकि, इनके लिए चुनाव आयोग ने सख्त नियम पहले से बना रखे हैं।

एडीआर (ADR) द्वारा तैयार रिपोर्ट वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान की है। यह रिपोर्ट क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियों द्वारा घोषित चंदे पर केंद्रित है। बता दें, कि सभी पार्टियों ने चुनाव आयोग को जानकारी दी है कि उन्हें कितना दान या चंदा प्राप्त हुआ है।

इन पांच दलों की आय में खासा इजाफा

एडीआर (ADR) रिपोर्ट के मुताबिक, 2018-19 और 2019-20 के बीच मिले चंदे से झारखंड की सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा), उत्तर प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) और दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी (आप) की आय में खासा इजाफा हुआ है।

इन पांच क्षेत्रीय दलों को मिला सबसे अधिक चंदा

एडीआर (ADR) की इस रिपोर्ट में कहा गया है, कि वित्त वर्ष 2019-20 में सबसे अधिक चंदा मिलने की घोषणा करने वाली पांच पार्टियां क्रमशः शिवसेना (Shiv Sena), ऑल इंडिया अन्ना द्रमुक (All India Anna Dravida Munnetra Kazhagam), आम आदमी पार्टी (AAP), बीजू जनता दल (BJD)और वाईएसआर कांग्रेस (Yuvajana Sramika Rythu Congress Party ) रही है। जबकि, बीजू जनता दल (बीजद) और युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी ने चंदे में कमी की घोषणा की है। जबकि, अन्नाद्रमुक और आजम आदमी पार्टी ने वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में चंदे में बढ़ोतरी की जानकारी दी है।

इस पार्टी को मिला सबसे ज्यादा नकद चंदा

एडीआर (ADR) की रिपोर्ट के मुताबिक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (Indian Union Muslim League) ने सबसे ज्यादा नकद चंदा मिलने की जानकारी दी है। जानकारी के अनुसार, उसने कुल 4.63 करोड़ रुपए जुटाए हैं। इसके बाद तमिलनाडु की पट्टाली मक्कल काची यानी पीएमके ने 52.20 लाख रुपए, लोक जनशक्ति पार्टी ने 6 लाख रुपए, नागालैंड और मणिपुर के नागा पीपुल्स फ्रंट ने 3.92 लाख रुपए और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम यानी डीएमके को 29,000 रुपए चंदा मिला है।

केवल दो दलों ने जमा की दान रिपोर्ट

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट के अनुसार, 53 क्षेत्रीय दलों में से केवल दो पार्टी ने चुनाव आयोग (Election Commission) को निर्धारित अवधि के भीतर अपनी दान रिपोर्ट जमा की थी। जबकि, 28 दलों ने कम से कम छह से 320 दिनों तक अपनी रिपोर्ट जमा करने में देरी की। वहीं, 23 क्षेत्रीय राजनीतिक पार्टियां ऐसे हैं, जिन्होंने वित्त वर्ष 2019-20 से अब तक अपनी रिपोर्ट चुनाव आयोग को जमा करने में चूक की है।