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Source
Amar Ujala
Date
City
New Delhi

वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान देश की आठ राष्ट्रीय पार्टियों ने कुल 1,373.783 करोड़ रुपये की आय हुई। इसमें अकेले भाजपा की हिस्सेदारी करीब 55 फीसदी है। यह दावा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की नई रिपोर्ट में शुक्रवार को किया गया है। जिन पार्टियों की आय का लेखाजोखा सामने आया है उनमें भाजपा, कांग्रेस, बसपा, एनसीपी, सीपीआई, सीपीएम, तृणमूल कांग्रेस और एनपीपी शामिल हैं। इन सभी पार्टियों को  चुनाव आयोग की ओर से राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है। 

किस पार्टी की कितनी आय? 

  • भारतीय जनता पार्टी को पिछले वित्त वर्ष में कुल 752.337 करोड़ रुपये की आय हुई। जो देश की सभी राष्ट्रीय पार्टियों की आय का 54.764 फीसदी है। उसने अपनी कुल आय का 82.46 फीसदी यानी 620.398 करोड़ रुपये खर्च किया। 
  • आय के मामले में कांग्रेस दूसरे नंबर रही। पिछले वित्त वर्ष में उसकी कुल आय  285.765 रुपये की रही। जो देश की सभी राष्ट्रीय पार्टियों की कुल आय का 20.801 फीसदी है। कांग्रेस ने अपनी आय का 73.137 फीसदी यानी 209 करोड़ रुपये खर्च किया। 
  • आय के मामले में तीसरे नंबर पर सीपीएम रही। उसकी कुल आय 171.046 करोड़ रही। पार्टी ने कुल 101.806 करोड़ रुपये खर्च किए। 
टीएमसी ने आय से ज्यादा खर्च किया
ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी की पिछले वित्त वर्ष  में कुल आय 74.417 करोड़ रुपये की रही। पार्टी ने इस दौरान कुल 132.537 करोड़ रुपये खर्च किए। यानी आय के मुकाबले टीएमसी का खर्च 178 फीसदी से भी ज्यादा रहा। वहीं, बसपा को कुल 52.467 करोड़ रही। जबकि, उसने महज 17.297 करोड़ रुपये खर्च किए। यानी, आय के मुकाबले बसपा ने महज 32.96 फीसदी खर्च किया। 

सभी पार्टियों की आय पिछले साल के मुकाबले घटी
एडीआर के मुताबिक राष्ट्रीय पार्टियों की ओर से चुनाव आयोग को दिए ब्योरे के मुताबिक भाजपा की आय पिछले साल के मुकाबले 79.24 फीसदी घटी है। 2019-20 में भाजपा की कुल आय 3,623.28 करोड़ रुपये थी, जो इस बार घटकर महज 752.337 करोड़ रह गई। इसी तरह कांग्रेस की आय में भी 58.11 फीसदी की कमी हुई है। 2019-20 में पार्टी की आय 682.21 करोड़ रुपये थी, जो बीते वित्त वर्ष में घटकर 285.765 करोड़ रुपये रह गई।

अन्य छह राष्ट्रीय पार्टियों की आय में 2019-20 के मुकाबले बीते वित्त वर्ष में कमी आई है। टीएमसी की 48.20 फीसदी, एनसीपी की 59.19 फीसदी, बसपा की  आय 9.94 फीसदी, सीपीआई की आय में 67.65 फीसदी और एनपीपी आय में 62.91 फीसदी कम हुई है।