7 जुलाई को मोदी कैबिनेट में जंबो फेरबदल में 15 कैबिनेट और 28 राज्यमंत्रियों ने पद तथा गोपनीयता की थपथ ली थी। इस महा फेरबदल के बाद जो ‘मोदी ड्रीम टीम’ बनी है उसमें 42 फीसदी मंत्रियों ने माना है कि उनके खिलाफ विभिन्न आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं। एडीआर रिपोर्ट के एनालिसिस में ये तथ्य निकलकर सामने आया है कि 78 मंत्रियों में 42 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक केस होने का ऐलान किया है। चार मंत्रियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज है।
Association For Democratic Reforms-ADR ने मंत्रियों के चुनावी एफिडेविट के अध्ययन और एनालिसिस में 33 मंत्रियों के आपराधिक रिकॉर्ड उजागर हुए हैं। 24 मंत्रियों यानी मंत्रिपरिषद के करीब 31 फीसदी मंत्रियों ने घोषणा की है कि उनके खिलाफ हत्या के प्रयास, डकैती सहित गंभीर आपराधिक मुक़दमे चल रहे हैं। गृह राज्य मंत्री बनाए गए कूच बिहार सांसद निशीथ प्रमाणिक के खिलाफ हत्या से जुड़ा मामला दर्ज है। उनके अलावा जॉन बारला, पंकज चौधरी, वी मुरलीधरन के खिलाफ भी हत्या का मुकदमा दर्ज है।
मोदी मंत्रिपरिषद के आठ मंत्री सबसे ‘गरीब’ हैं। मंत्री प्रतिमा भौमिक, जॉन बारला, कैलाश चौधरी, वी मुरलीधरन, शांतनु ठाकुर, निशीथ प्रमाणिक और रामेश्वर तेली तथा बिश्वेश्वर टूडु ने अपनी संपत्ति एक करोड़ रु से कम बताई है। प्रतिमा भौमिक के पास सबसे कम मित्र छह लाख की प्रॉपर्टी ही है।