ADR Report 2022-23: देश में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर हलचल बढ़ने लगी है. राजनीतिक दलों ने चुनाव से पहले पार्टी को मिले चंदे का खुलासा किया है.
ADR Report 2022-23: देश में आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर हलचल बढ़ने लगी है. राजनीतिक दलों ने चुनाव से पहले पार्टी को मिले चंदे का खुलासा किया है. जिसमें बीजेपी नंबर एक पायदान पर है. बीजेपी ने अपनी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स यानी एडीआर रिपोर्ट में बताया कि उसे 2022-23 में 720 करोड़ रुपये का दान मिला है. बीजेपी को मिला दान देश की चार सबसे बड़े सियासी दलों, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, सीपीआई-एम और NPP को मिले कुल दान से पांच गुना ज्यादा है.
बसपा को मिला सिर्फ 20 हजार का दान
वहीं देश की छठी राष्ट्रीय पार्टी बीएसपी को साल 2022-23 के दौरान 20 हजार रुपये से ज्यादा का कोई भी दान नहीं मिला है. पार्टी पिछले 17 सालों से लगातार मिल रहे चंदे का खुलासा करती रही है. नियम के अनुसार 20 हजार से ज्यादा दान मिलने पर उसकी रिपोर्ट देनी होती है.
बीजेपी को सबसे ज्यादा मिला डोनेशन
ADR रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी को 7945 दान मिले हैं. जिसकी कुल रकम 917.08 करोड़ रुपये है. वहीं कांग्रेस पार्टी को 894 डोनेशन मिले हैं. जिसमें 79.92 करोड़ रुपये आए हैं. बीजेपी को मिले दान, इसी अवधि के दौरान कांग्रेस, AAP और एनपीपी के अलावा सीपीआई-एम को मिले कुल डोनेशन से 5 गुना ज्यादा है. गौरतलब है कि नेशनल पीपुल्स पार्टी पूर्वोत्तर भारत की एकमात्र राजनीतिक पार्टी है जिसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिला हुआ है.
दिल्ली में मिला बंपर चंदा
जारी हुई ADR रिपोर्ट में बताया गया है कि किस राज्य में पार्टियों को कितना चंदा मिला है. दिल्ली से राष्ट्रीय पार्टियों को कुल 276.202 करोड़ रुपये चंदा मिला है. इसके बाद गुजरात से 160.509 करोड़, महाराष्ट्र से 96.273 करोड़ रुपये डोनेशन के रूप में मिले हैं. 2022-23 के दौरान पार्टियों को मिले चंदे में 91.701 करोड़ रुपय की वृद्धि हुई है. रिपोर्ट के अनुसार, बीजेपी को 2021-22 में 614.626 करोड़ रुपये दान मिला था, जो 2022-23 में बढ़कर 719.858 करोड़ रुपये हो गया है.
वहीं वित्त वर्ष 2021-22 में कांग्रेस पार्टी को 95.459 करोड़ का चंदा मिला था. वह 2022-23 में गिरकर 79.9 करोड़ पर पहुंच गया. पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में, सीपीआई (एम) को मिले चंदे में 39.56 फीसदी (3.978 करोड़ रुपये) और आप के लिए 2.99 फीसदी या 1.143 करोड़ रुपये की कमी देखी गई है.