असम विधानसभा चुनाव मैदान में उतरे निर्दलीय सहित तमाम राजनीतिक दलों के दोबारा उम्मीदवार बने 90 विधायकों की औसत संपत्ति पिछले पांच साल में 76 फीसदी बढ़ी है. इसका खुलासा असम इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी आंकड़ों से हुआ है. इन 90 विधायकों में शीर्ष पांच की सूची में तीन भाजपा के नेता हैं. दूसरे उम्मीदवारों में एक ऑल इंडिया युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) और दूसरे बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट से हैं. असम इलेक्शन वॉच और एडीआर ने इन 90 विधायकों के शपथपत्रों के विश्लेषण के आधार पर ये खुलासे किए हैं.
राज्य में विधानसभा चुनाव 27 मार्च से शुरू हो चुका है और तीन चरणों में पूरा होना है. तीसरे और अंतिम दौर का मतदान 6 अप्रैल को होगा, जबकि परिणाम 2 मई को घोषित किए जाएंगे. आंकड़ों के मुताबिक, साल 2016 में इन 90 विधायकों की औसत संपत्ति 2.52 करोड़ रुपये थी. अब उनकी औसत संपत्ति सीमा 4.44 करोड़ रुपये हो गई है. 2016 के विधानसभा चुनाव और 2021 के बीच इन विधायकों की औसत संपत्ति में 1.91 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी हुई है.
धकुआखाना (एससी) निर्वाचन क्षेत्र के भाजपा विधायक नब कुमार डोले ने साल 2016 में अपनी 7.30 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा की थी. इस वर्ष उनकी संपत्ति बढ़कर 25.52 करोड़ रुपये हो गई है यानी पांच साल में उनकी संपत्ति 18.22 करोड़ रुपये बढ़ी है. अलगापुर निर्वाचन क्षेत्र से एआईयूडीएफ के निजाम उद्दीन चौधरी की संपत्ति 2016 में 2.71 करोड़ थी, जो इस वर्ष 13.81 करोड़ रुपये हो गई है.
भाजपा नेता और जालुकबारी निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार हेमंत बिश्वा सरमा की संपत्ति पांच साल में 10.89 करोड़ रुपये बढ़ी है. साल 2016 में उनकी संपत्ति 6.38 करोड़ रुपये थी जो 2021 में 17.27 करोड़ रुपये हो गई है. भाजपा के एक अन्य नेता अशोक सिंघल ढेकियाजुली निर्वाचन क्षेत्र उम्मीदवार हैं, जिनकी संपत्ति पांच साल में 9.82 करोड़ रुपये बढ़ी है. साल 2016 में उनकी संपत्ति 7.23 करोड़ रुपये थी जो इस वर्ष 17.06 करोड़ रुपये हो गई है. सिदली (एसटी) निर्वाचन क्षेत्र से बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट के विधायक चंदन ब्रह्मा फिर से चुनाव मैदान में हैं. उनकी संपत्ति साल 2016 में 9.58 करोड़ रुपये थी, जो इस साल बढ़कर 16.15 करोड़ रुपये हो गई है.