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बिहार विधानसभा चुनाव के पहले फेज में 71 सीटों पर मतदान है. 28 अक्टूबर को होने वाले चुनाव के पहले फेज में 1064 उम्मीदवारों में 375 (35 प्रतिशत) करोड़पति उम्मीदवार हैं. चुनावी सुधारों पर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के मुताबिक 93 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी संपत्ति 5 करोड़ रुपये से ज्यादा है.

एडीआर के मुताबिक, करोड़पति उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) से हैं और इस पार्टी ने 95 फीसद कैंडिडेट करोड़पति उतारे हैं. पहले चरण में आरजेडी के 41 में 39 उम्मीदवार करोड़पति हैं जिन्होंने अपनी संपत्ति 1 करोड़ से ज्यादा घोषित की है. दूसरे नंबर पर सत्तारूढ़ जेडीयू है जिसके 35 में 31 विधायक यानी कि 89 फीसद उम्मीदवार करोड़पति हैं. बीजेपी के 29 में 24 (83 प्रतिशत) प्रत्याशी करोड़पति हैं, जबकि एलजेपी के 41 में 30 उम्मीदवार (73 फीसद) करोड़पति हैं. इसके बाद कांग्रेस और बीएसपी का नाम है. कांग्रेस के 21 में 14 (67 फीसद) और बीएसपी के 26 में 12 (46 प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं. एडीआर की रिपोर्ट बताती है कि आरजेडी ने जहां सबसे ज्यादा करोड़पति उम्मीदवारों को टिकट दिया है, वही सबसे कम बीएसपी ने करोड़पति उम्मीदवार उतारे हैं.

रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल उम्मीदवारों में 9 फीसद यानी कि 93 प्रत्याशी 5 करोड़ रुपये से ज्यादा संपत्ति के मालिक हैं. 12 फीसद या 123 प्रत्याशी ऐसे हैं जो 2 करोड़ रुपये से 5 करोड़ तक के मालिक हैं. 28 फीसद या 301 उम्मीदवार 50 लाख से 2 करोड़ तक कि संपत्ति वाले हैं. इसके बाद 30 फीसद यानी कि 315 उम्मीदवार 10 लाख से 50 लाख रुपये की श्रेणी में आते हैं. 22 फीसद या 232 उम्मीदवार ऐसे हैं जो 10 लाख रुपये से कम की संपत्ति के मालिक हैं. एडीआर ने इसी रिपोर्ट में उम्मीदवारों की ओर से घोषित आपराधिक मामलों की भी जानकारी दी है. इसमें आरजेडी सबसे ऊपर है जिसके 41 में 30 (73 प्रतिशत) प्रत्याशियों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने की बात स्वीकारी है.

बीजपी के 29 में 21 (72 प्रतिशत), एलजेपी के 41 में 24 (59 प्रतिशत), कांग्रेस के 21 में 12 (57 प्रतिशत), जेडीयू के 35 में 15 और बीएसपी के 26 में 8 (31 प्रतिशत) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. कई मामले गंभीर प्रकृति के भी हैं और इसमें भी आरजेडी के उम्मीदवार शीर्ष पर हैं. गंभीर आपराधिक मामलों में आरजेडी के 41 में 22 (54 प्रतिशत), एलजेपी के 41 में 20 (49 प्रतिशत), बीजेपी के 29 में 13 (45 प्रतिशत), कांग्रेस के 21 में 9 (43 प्रतिशत), जेडीयू के 35 में 10 (29 प्रतिशत) और बीएसपी के 26 में 5 (19 प्रतिशत) उम्मीदवारों पर गंभीर मामले दर्ज हैं. कुल 29 उम्मीदवारों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से संबंधित मामले घोषित किए हैं. इन 29 में 3 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर बलात्कार (आईपीसी-376) से जुड़े मामले घोषित किए हैं.