एसोसएिशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (Association for Democratic Reforms) द्वारा जारी की गई ये रिपोर्ट कहती है कि इस अवधि के दौरान महिलाओं के विरूद्ध अपराध के मामले वाले लोकसभा चुनाव उम्मीदवारों की संख्या 38 से बढ़कर 126 हो गयी यानी ऐसे उम्मीदवार 231 फीसद बढ़ गये.
एडीआर की रिपोर्ट (ADR Report) में कहा गया है, ‘‘तीन ऐसे सांसद और छह ऐसे विधायक हैं जिन्होंने बलात्कार से जुड़े मामले घोषित किये हैं...... पिछले पांच सालों में मान्यता प्राप्त दलों ने 41 उम्मीदवारों को टिकट दिया था जिन्होंने बलात्कार से संबंधित मामले घोषित किये थे.’’
पांच सालों में 66 ऐसे उम्मीदवारों को दिए गए टिकट
पिछले पांच सालों में भाजपा ने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामलों से जूझ रहे 66 उम्मीदवारों को लोकसभा, राज्यसभा और विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया. कांग्रेस ने 46 ऐसे उम्मीदवार और बहुजन समाज पार्टी ने 40 ऐसे उम्मीदवार उतारे.
एडीआर और नेशनल इलेक्शन वॉच (National Election Watch) ने कहा कि उसने वर्तमान 759 सांसदों और 4063 विधायकों के 4,896 चुनावी हलफनामों में से 4822 का विश्लेषण किया.
महिलाओं के खिलाफ अपराध करने वाले उम्मीदवार बढ़े
रिपोर्ट कहती है कि इस अवधि के दौरान महिलाओं के विरूद्ध अपराध के मामले वाले लोकसभा चुनाव उम्मीदवारों की संख्या 38 से बढ़कर 126 हो गयी यानी ऐसे उम्मीदवार 231 फीसद बढ़ गये.
पश्चिम बंगाल (West Bengal) में सर्वाधिक ऐसे 16 सांसद/विधायक है जिन्होंने महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले होने की घोषणा की. उसके बाद ओडिशा (Odisha) और महाराष्ट्र (Maharashtra) आते हैं जहां ऐसे 12-12 सांसद/विधायक हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पिछले पांच सालों में कुल 572 ऐसे उम्मीदवारों ने लोकसभा (Loksabha), राज्यसभा (Rajyasabha) और विधानसभा चुनाव लड़ा लेकिन उनमें से भी अदालत में दोषी नहीं ठहराया गया है.’’