Jammu Kashmir Election ADR report: लंबित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों के राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है - 2024 के लोकसभा चुनावों में यह 46 फीसदी था जबकि 2014 में जम्मू-कश्मीर में पिछले विधानसभा चुनावों में 6 फीसदी दर्ज किया गया था।
Jammu Kashmir Election ADR Report: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस साल जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के तीन चरणों में कुल उम्मीदवारों में से 152 या 17 फीसदी के खिलाफ पुलिस मामले दर्ज हैं। हालांकि यह लंबित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों के राष्ट्रीय औसत से बहुत कम है - 2024 के लोकसभा चुनावों में यह 46 फीसदी था जबकि 2014 में जम्मू-कश्मीर में पिछले विधानसभा चुनावों में 6 फीसदी दर्ज किया गया था।
जम्मू कश्मीर में 18 सितंबर को हुए पहले चरण के चुनाव में मैदान में उतरे 219 उम्मीदवारों में से 36 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे।
एडीआर ने मौजूदा जम्मू-कश्मीर चुनावों में मैदान में उतरे कुल 873 उम्मीदवारों में से 872 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया। एडीआर ने कहा कि एक उम्मीदवार सरजन अहमद वागे का पूरा हलफनामा चुनाव आयोग की साइट पर उपलब्ध नहीं था। 18 सितंबर को हुए पहले चरण के चुनाव में मैदान में उतरे 219 उम्मीदवारों में से 36 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।
महिलाओं के खिलाफ अपराध और बलात्कार जैसे गंभीर मामले
इनमें से 25 के खिलाफ हत्या के प्रयास से लेकर महिलाओं के खिलाफ अपराध और बलात्कार जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं। इनमें से एक का नाम पोक्सो अधिनियम, 2012 के प्रावधानों के तहत दर्ज एफआईआर में दर्ज है। दूसरे चरण में आपराधिक मामलों वाले 49 उम्मीदवारों में से 37 के खिलाफ गंभीर अपराध दर्ज हैं।
इसी तरह तीसरे चरण में चुनाव लड़ रहे 67 उम्मीदवारों में से 52 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। लंबित आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों की इतनी बड़ी संख्या को देखते हुए दूसरे चरण में मतदान करने वाले 26 निर्वाचन क्षेत्रों में से 8 को "रेड अलर्ट" सीटें घोषित की गई हैं। इसी तरह तीसरे चरण में मतदान करने वाले 40 निर्वाचन क्षेत्रों में से 11 को "रेड अलर्ट" सीटें घोषित की गई हैं, क्योंकि इन सीटों पर कम से कम तीन या उससे अधिक उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।