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Source
News Tapri
Date
City
Dehradun

उत्तराखंड में जिस नयी कैबिनेट ने बुधवार को भव्य समारोह में शपथ ली, उसके 9 में से 9 मंत्री साफ छवि के हैं. इसका मतलब यह है कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मुकदमा पेंडिंग (Pending Criminal Case) नहीं है. पुष्कर धामी को एक बार फिर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया और उनकी टीम के 8 मंत्रियों को बुधवार को शपथ (Dhami Cabinet Oath) दिलवाई गई, इनमें से सभी ने चुनाव नामांकन के दौरान जो हलफ़नामे दिए, उनके मुताबिक किसी के भी खिलाफ क्रिमिनल केस की बात सामने नहीं आई है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक ताज़ा रिपोर्ट में भी इन मंत्रियों से जुड़े इस तरह के फैक्ट्स बताए गए हैं.

सबसे खास फैक्ट यह है कि उत्तराखंड की नयी कैबिनेट में करोड़पति विधायकों को ही मंत्री पद मिला है. 9 में से 9 मंत्री करोड़पति हैं, जिनकी औसत संपत्ति 16 करोड़ रुपये आंकी गई है. एडीआर की ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से सबसे ज़्यादा संपत्ति के मालिक चौबट्टाखाल से विधायक सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) हैं, जिन्होंने 87.34 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है. इसके उलट सबसे कम संपत्ति बागेश्वर विधायक चंदन राम दास (Chandan Ram Das) ने घोषित की है, जो 1.24 करोड़ रुपये है. संपत्ति के ब्योरे में 6 मंत्री ऐसे हैं, जिन्होंने अपनी देनदारियां भी बताई हैं. इनमें से नरेंद्र नगर के विधायक सुबोध उनियाल ने 1.03 करोड़ की देनदारी घोषित की है.

आपके मंत्री कितने शिक्षित हैं?
9 में से 2 यानी 22 फीसदी मंत्रियों ने बताया है कि वह 12वीं तक या उससे कम शिक्षित हैं जबकि बाकी 7 अपनी शैक्षिक योग्यता कम से कम ग्रैजुएट होना बताया है. 1 मंत्री धनसिंह रावत (Dhan Singh Rawat) ऐसे हैं, जिन्होंने डॉक्टरेट की डिग्री भी हासिल की है. इसी तरह, 9 में से 4 मंत्री 60 साल से कम उम्र के हैं, जबकि 5 की उम्र 61 से 70 साल के बीच है.

दिलचस्प बात यह है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के बाद जिन चार राज्यों में भाजपा ने सरकार बनाई, उनमें से उत्तराखंड के अलावा मणिपुर कैबिनेट में भी वही चेहरे मंत्री बने, जिन्होंने खुद पर क्रिमिनल केस न होने का हलफ़नामा दिया. गौरतलब है कि उत्तराखंड में मौजूदा 70 विधायकों में से 19 के खिलाफ क्रिमिनल केस होने का ब्योरा आया था. इनमें से जो 9 मंत्री बने, उन्होंने खुद पर क्रिमिनल केस की घोषणा नहीं की है.