उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के दूसरे चरण में 584 उम्मीदवारों में करीब 147 प्रत्याशियों (25 फीसद) के विरुद्ध आपराधिक मामले (Criminal Cases) दर्ज हैं. एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने बुधवार का यह जानकारी दी. उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच और एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफोर्म्स ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में चुनाव लड़ रहे 586 उम्मीदवारों में से 584 के हलफनामों का विश्लेषण किया. दो उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया जा सका, क्योंकि उनकी अच्छी तरह स्कैनिंग नहीं हो पायी है. या फिर पूर्ण हलफनामे चुनाव आयोग की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किये गये थे.
इन 584 में से 147 उम्मीदवारों ने घोषित किया कि उनके विरूद्ध आपराधिक मामले में हैं जबकि 113 ने अपने विरुद्ध गंभीर आपराधिक मामले लंबित होने की घोषणा की है. बड़े राजनीतिक दलों में सपा के 35, कांग्रेस के 23, बहुजन समाज पार्टी के 20, भारतीय जनता पार्टी के 18, राष्ट्रीय लोकदल के एक-एक, आम आदमी पार्टी के सात उम्मीदवारों ने अपने विरूद्ध आपराधिक मामले लंबित होने की बात मानी है. विश्लेषण से सामने आया कि छह उम्मीदवारों के विरूद्ध महिलाओं के खिलाफ अपराध, एक पर हत्या, 18 पर हत्या की कोशिश के मामले चल रहे हैं.
बीजेपी के अमित अग्रवाल सबसे अमीर प्रत्याशी
बता दें कि पिछले हफ्ते पहले चरण के उम्मीदवारों पर एडीआर की रिपोर्ट (ADR Report) जारी की गई थी. इस रिपोर्ट के अनुसार, पहले चरण की 58 सीटों पर हो रहे चुनाव में सपा के 75% उम्मीदवारों पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं. जानकारी के मुताबिक, पहले चरण में चुनाव लड़ रहे 156 उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके ऊपर आपराधिक मामले दर्ज हैं. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के 28 में से 21 प्रत्याशियों पर गंभीर मामले दर्ज हैं. वहीं, आरएलडी के 29 में से 17 उम्मीदवार अपराधी हैं. जबकि, बीजेपी के 57 में से 29 और कांग्रेस के 58 में से 21 प्रत्याशी दागी हैं. इसी तरह बसपा के 56 में से 19 और आप के 52 में से 8 प्रत्याशियों पर आपराधिक मामले चल रहे हैं. वहीं, मेरठ के कैंट से बीजेपी के अमित अग्रवाल सबसे अमीर प्रत्याशी हैं.
11 जिलों की 58 सीटों पर हो रहे चुनाव
जानकारी के मुताबिक, यूपी चुनाव के पहले चरण के लिए 12 महिलाओं के खिलाफ अपराध के आरोप हैं और छह पर हत्या का आरोप है. ‘द एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स’ (एडीआर) ने कहा कि उसने राज्य के 11 जिलों में 58 विधानसभा सीटों से राजनीतिक दलों के 615 उम्मीदवारों और निर्दलीय उम्मीदवारों के स्व-हलफनामों का विश्लेषण किया है. एडीआर ने कहा कि कुल 623 उम्मीदवार मैदान में हैं और उनमें से आठ के हलफनामों का विश्लेषण नहीं किया जा सका, क्योंकि वे स्कैन नहीं किए गए थे या अधूरे थे.
156 प्रत्याशियों पर केस, 121 पर गंभीर मुकदमा
एडीआर के मुताबिक, विश्लेषण किए गए 615 उम्मीदवारों में से 156 ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. जबकि 121 उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. एडीआर ने कहा कि प्रमुख दलों में सपा के 28 उम्मीदवारों में से 21 (75 प्रतिशत), रालोद के 29 उम्मीदवारों में से 17 (59 प्रतिशत), बीजेपी के 57 उम्मीदवारों में से 29 (51 प्रतिशत), कांग्रेस के 58 उम्मीदवारों में से 21 (36 प्रतिशत), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के 56 उम्मीदवारों में से 19 (34 प्रतिशत) और आम आदमी पार्टी (आप) के 52 उम्मीदवारों में से आठ (15 प्रतिशत) ने अपने हलफनामों में अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.