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Source
Jansatta
https://www.jansatta.com/elections/up-assembly-elections-2022/first-phase-up-election-2022-adr-report-46-candidates-are-crorepatis-25-have-criminal-case/2028647/
Author
Jansatta Online
Date
City
New Delhi

ADR के मुताबिक बहुजन समाज पार्टी के 56 प्रत्याशियों में से 19 और आम आदमी पार्टी के 52 उम्मीदवारों में से आठ लोगों ने खुद के आपराधिक मामले घोषित किया है। इससे साफ है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने आपराधिक मामलों वाले उम्मीदवारों पर दांव लगाया है। 

चुनाव सुधारों की वकालत करने वाले समूह एडीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूपी विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 46 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। बता दें कि इनकी औसत संपत्ति 3.72 करोड़ रुपये के आसपास आंकी गई है। इस फेज के 615 प्रत्याशियों में से 156(25% उम्मीदवार) करोड़पति हैं।

किस पार्टी में कितने दागदार: इसके अलावा इनमें 121 उम्मीदवारों ने खुद पर हत्या सहित गंभीर अपराधिक मामले घोषित किये हैं। बता दें कि एडीआर ने कहा है कि प्रमुख दलों के उम्मीदवारों में सपा के 28 उम्मीदवारों में से 21, आरएलडी के 29 उम्मीदवारों में से 17 प्रत्याशी, भाजपा के 57 उम्मीदवारों में से 29 और कांग्रेस के 58 उम्मीदवारों में से 21 उम्मीदवारों ने अपने हलफनामे में अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की पुष्टि की है।

वहीं बहुजन समाज पार्टी के 56 उम्मीदवारों में से 19 और आम आदमी पार्टी के 52 उम्मीदवारों में से आठ लोगों ने भी खुद के आपराधिक मामले घोषित किए हैं।

करोड़पति कितने: बता दें कि पश्चिमी यूपी की 58 विधानसभा सीटों के 615 उम्मीदवारों में 280 प्रत्याशियों ने खुद को हलफनामे में करोड़पति बताया है। इसमें रालोद के पास एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वाले 28 उम्मीदवार हैं। जबकि भाजपा के पास 55, बसपा 50, सपा 23, कांग्रेस 32 और आप के 22 उम्मीदवार हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनावों में धनबल की भूमिका इस तथ्य से स्पष्ट होती है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने धनी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।

गौरतलब है कि एडीआर के अनुसार 12 उम्मीदवार ऐसे भी हैं जिनपर ‘‘महिलाओं के खिलाफ अपराध’’ से संबंधित मामले दर्ज हैं। इनमें से एक ने अपने हलफनामे में बलात्कार (भादंसं की धारा 376) से संबंधित मामल घोषित किया है। वहीं एडीआर ने कहा कि कुल 623 उम्मीदवारों में से आठ प्रत्याशी ऐसे रहे जिनके हलफनामों को इस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया जा सका। क्योंकि वे या तो स्कैन नहीं किए गए थे या फिर अधूरे थे।