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देश में बढ़ते उत्पीड़न के मामलों के मद्दे नजर, एडीआर अपने दसवें पॉडकास्ट में चुनाव लड़ने वाले उन उम्मीदवारों का उल्लेख करेगा, जिन्होंने चुनाव के दौरान अपने शपथपत्रों में महिलाओं के ऊपर अत्याचार के मामलों की घोषणा की है।

नोट: आप हमें अपनी प्रतिक्रिया, टिप्पणी और सुझाव [email protected] पर भेज सकते हैं।

प्रस्तावना:-00:07

सभी को नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह है, और मैं एडीआर में एक प्रोग्राम एग्जीक्यूटिव हूँ। भारत में महिलाओं के ऊपर अत्याचार पर हमारे नए पॉडकास्ट में आपका स्वागत है।

देश में बढ़ते उत्पीड़न के मामलों के मद्दे नजर, एडीआर अपने दसवें पॉडकास्ट में चुनाव लड़ने वाले उन उम्मीदवारों का उल्लेख करेगा, जिन्होंने चुनाव के दौरान अपने शपथपत्रों में महिलाओं के ऊपर अत्याचार के मामलों की घोषणा की है। यह विश्लेषण इस लिए उचित है क्योंकि शासकीय निकाय से महिलाओं की सुरक्षा के लिए मजबूत नीतियों की उम्मीद नहीं रखी जा सकती जब की निर्वाचित प्रतिनिधि खुद एक संदिग्ध पृष्ठभूमि रखते हैं।

विषय का महत्व:-00:51

इस साल सितंबर में, उत्तर प्रदेश सरकार ने महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और अन्य अपराधों के आरोपी लोगों की तस्वीरों के साथ सार्वजनिक स्थानों पर पोस्टर लगाने के अपने फैसले की घोषणा की। यह महिलाओं के बीच आत्मविश्वास पैदा करने और उनके खिलाफ किए गए अपराधों की जाँच करने के उद्देश्य से किया गया था। इस आदेश ने कड़े उपायों को अपनाने पर एक महत्वपूर्ण बहस को फिर से खोल दिया है। एक ऐसे कानून की आवश्यकता है जो सार्वजनिक स्थानों को महिलाओं के लिए सुरक्षित बना सकता है, और आवश्यक नीतिगत ढाँचों को लागू करने के लिए और पीड़ितों के लिए न्याय की गारंटी देगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि वर्तमान परिदृश्य में देश में बड़े पैमाने पर महिलाओं पर अत्याचार प्रचलित है, लेकिन एक कमजोर कानून प्रणाली यह सुनिश्चित करती है कि कुछ मामले जो दर्ज किए जाते हैं, वहां उन पर ठीक से सुनवाई नहीं होती या पुलिस द्वारा एफआईआर ही दर्ज नहीं की जाती। एक उदाहरण उत्तर प्रदेश का है।

महिलाओं के ऊपर अत्याचार : उत्तर प्रदेश :-01:59

प्रमुख निष्कर्ष:-

"महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले सांसदों/विधायकों का विश्लेषण" रिपोर्ट का शीर्षक, एडीआर ने उत्तर प्रदेश राज्य में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के बीच महिलाओं के ऊपर अत्याचार की दर का विश्लेषण किया है। निम्नलिखित अवलोकन किए गए हैं :-

  1. राज्य के कुल 59 उम्मीदवारों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित किये है।

 

  1. महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले सांसदों/विधायकों की राज्यवार संख्या के संबंध में कुल 91 में से उत्तर प्रदेश तीसरे स्थान पर है।

  

  1. अपराध के प्रकार: स्त्री की लज्जा भंग करने के आशय से उस पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग (आईपीसी-354) और किसी स्त्री की लज्जा का अनादर करने से सम्बन्धित (आईपीसी-509)।

 

महिलाओं के ऊपर अत्याचार : देशव्यापी विश्लेषण :-02:54

समस्या केवल उत्तर प्रदेश तक ही सीमित नहीं है: भारत, समग्र रूप से, महिलाओं के ऊपर बढ़ते अत्याचार से जूझ रहा है। एडीआर ने अपनी रिपोर्ट में एसिड अटैक, बलात्कार, यौन उत्पीड़न, पीछा करना, महिलाओं की तस्करी, दहेज हत्या, आदि से सम्बन्धित आपराधिक गतिविधियों पर विचार किया है।  

प्रमुख निष्कर्ष:-03:14

अपने विश्लेषण के माध्यम से, एडीआर ने निम्नलिखित महत्वपूर्ण निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं -

  1. 2009 से 2019 तक, लोक सभा चुनाव में महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों की संख्या में 231 प्रतिशत की वृद्धि हुई हैं।

 

  1. इसी अवधि में, लोक सभा में महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले सांसदों की संख्या में 850 प्रतिशत की वृद्धि हुई हैं।

 

  1. विश्लेषण किए गए 764 सांसदों और 4054 विधायकों में से 91 सांसदों और विधायकों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं।

 

  1. इन 91 सांसदों और विधायकों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित किये है, जिसमें 74 विधायक और 17 सांसद हैं।

 

  1. पिछले 5 वर्षों में, महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले कुल 601 उम्मीदवारों ने लोकसभा/राज्यसभा और विधानसभा चुनाव लड़ा है।

 

  1. विश्लेषित 439 उम्मीदवारों में जिन पर महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित थे, उन्हें मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा टिकट दिया गया था। इन उम्मीदवारों में से 89 उम्मीदवारों को लोकसभा/राज्यसभा चुनाव के लिए और 350 उम्मीदवारों को राज्य विधानसभा चुनाव के लिए दलों द्वारा टिकट दिए गए थे।

 

  1. पिछले 5 वर्षों में महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले 162 निर्दलीय उम्मीदवारों ने लोकसभा/राज्यसभा और राज्य विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा था।

 

  1. 12 सांसदों/विधायकों ने बलात्कार से सम्बन्धित मामले घोषित किए है, इन में से 3 सांसद और 9 विधायक हैं।

 

  1. हैरानी की बात है, कि महिलाओं के नेतृत्व वाले राजनीतिक दल, जैसे की भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस भी महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले उम्मीदवारों की टिकट दे रहे हैं।

 

  1. पिछले 5 वर्षों में मुख्य दलों में, महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धित मामले घोषित करने वाले 75 उम्मीदवारों को भारतीय जनता पार्टी द्वारा टिकट दिया गया। उम्मीदवारों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या - यानी 51, जिन्हे भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस द्वारा टिकट दिया गया था। इसके बाद 41 उम्मीदवारों को बहुजन समाज पार्टी द्वारा टिकट दिए गए जो पिछले 5 वर्षों से लोकसभा/राज्यसभा और राज्य विधानसभा चुनाव लड़ रहे थे।

 

 

निष्कर्ष:-05:56

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में, महिलाओं के ऊपर अत्याचार के लिए 2019 में सबसे अधिक मामले वाले शीर्ष दो राज्य राजस्थान और उत्तर प्रदेश हैं। कुल मिलाकर, देश में 2018 की तुलना में 7.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई। इसका मतलब है कि पिछले साल देश में हर 16 मिनट में एक महिला का बलात्कार हुआ था। दुर्भाग्य से, समस्या केवल इस वर्ष में मामलों की संख्या तक सीमित नहीं है, बल्कि इस तथ्य पर भी है कि उपलब्ध आंकड़े उन आपराधिक गतिविधियों पर आधारित हैं जिन्हें रिपोर्ट और पंजीकृत किया गया है। महिलाओं द्वारा की गई शिकायतों को दर्ज करने से इनकार करना देश में एक आम बात है और इसे केवल सत्ता में रहने वाले लोगों द्वारा उचित और समय पर हस्तक्षेप के माध्यम से ठीक किया जा सकता है। इसके लिए, पहले एक साफ और पारदर्शी विधायिका होना आवश्यक है ताकि महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्देशित उपायों को सख्ती से लागू किया जा सके। लेकिन जब सरकार में खुद ऐसे प्रतिनिधि शामिल हो जिन्होंने महिलाओं के ऊपर अत्याचार किए हैं, तो यह कैसे संभव होगा ? इसलिए योग्य मतदाताओं के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वे उन उम्मीदवारों के बारे में पूरी जानकारी रखें जो सत्ता में आते हैं।

 

यदि आप इस मामले में एडीआर के योगदान के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आप हमारी वेबसाइट adrindia.org पर पॉडकास्ट कि सदस्यता लें: और [email protected] पर अपनी प्रतिक्रिया हमें लिखना ना भूलें, हम एक और अदभुत एपिसोड के साथ दो सप्ताह में फिर से हाज़िर होंगे।

तब तक के लिए बने रहिये और सुनने के लिए धन्यवाद।

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