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Source
Hindustan
Date
City
New Delhi

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट में कहा गया है कि 27 क्षेत्रीय दलों में से, जिन्होंने चंदा प्राप्त करने की घोषणा की, 16 क्षेत्रीय दलों ने बिना पैन विवरण के 24.779 करोड़ रुपये के 1,026 दान प्राप्त करने की घोषणा की है। रिपोर्ट में वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान क्षेत्रीय राजनीतिक दलों द्वारा घोषित चंदे के विवरण पर प्रकाश डाला गया है।

शुक्रवार को प्रकाशित एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 के बीच जिन पार्टियों की चंदा से आय में सबसे अधिक प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, उनमें झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी), समाजवादी पार्टी (एसपी) और आम आदमी पार्टी (आप) शामिल है।

रिपोर्ट में कहा गया है, "झामुमो को दान में 37794 प्रतिशत की वृद्धि हुई, इसके बाद लोजपा के लिए यह 410 प्रतिशत, सपा जिसके लिए यह 317 प्रतिशत थी। आप के चंदे में 156 प्रतिशत की वृद्धि देखी गी है।"

वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान, अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) को कोई दान नहीं मिला।  वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान AIADMK ने 52.17 करोड़ रुपये और JVM-P ने 23.08 लाख रुपये घोषित किए।

रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में सबसे अधिक दान प्राप्त करने वाली शीर्ष पांच पार्टियों में SHS, AIADMK, AAP, BJD और YSR-C हैं। इन पार्टियों में से SHS, BJD और YSR-C ने अपने दान में कमी की घोषणा की है। वहीं, AIADMK और AAP ने अपने चंदे में 2018-19 की तुलना में वृद्धि की घोषणा की है।"

इसमें यह भी कहा गया है कि इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) द्वारा नकद में अधिकतम दान की घोषणा की गई, जिसने कुल 4.63 करोड़ रुपये एकत्र किए। इसके बाद तमिलनाडु में पट्टाली मक्कल काची (PMK) ने 52.20 लाख रुपये, LJP ने 6 लाख रुपये,3.92 लाख रुपये के साथ नागा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) और 29,000 रुपये के साथ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) भी इस लिस्ट में है।

53 क्षेत्रीय दलों में से, केवल 2 ने निर्धारित समय अवधि में ईसीआई को अपनी दान रिपोर्ट जमा की थी। 28 अन्य क्षेत्रीय दलों ने कम से कम 6 दिनों से 320 दिनों तक अपने जमा करने में देरी की है। 23 क्षेत्रीय राजनीतिक दल हैं जिन्होंने वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान 29 अक्टूबर, 2021 तक ईसीआई को अपने दान की रिपोर्ट जमा करने में चूक की।।

वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान, शिवसेना को सबसे अधिक 62.859 करोड़ रुपये का दान मिला। इसके बाद अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) ने तीन दान से 52.17 करोड़ रुपये प्राप्त करने की घोषणा की। अगली पंक्ति में बीजेडी और वाईएसआर-सी हैं, जिन्होंने क्रमशः 28.20 करोड़ रुपये और 8.924 करोड़ रुपये के कुल दान की घोषणा की है।