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Source
जनसत्ता
Author
जनसत्ता
Date
City
New Delhi

नवनिर्वाचित हुए 251 सदस्यों में से 170 (31 फीसद) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं जिनमें दुष्कर्म, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले हैं। गंभीर अपराध के मामलों वाले सदस्यों की संख्या 2009 से 124 फीसद बढ़ गई है।

लोकसभा के नवनिर्वाचित 543 सदस्यों में से 251 (46 फीसद) के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। चुनाव विश्लेषण करने वाली संस्था ‘एसोसिएशन आफ डेमोक्रेटिक रिफार्म्स’ (एडीआर) ने यह बात कही। यह निचले सदन में आपराधिक आरोपों का सामना करने वाले सदस्यों की पिछले कई दशकों की सबसे अधिक संख्या है।

साल 2019 में कुल 233 नवनिर्वाचित सांसदों (43 फीसद) ने अपने विरुद्ध आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा की थी, 2014 में 185 (34 फीसद), 2009 में 162 (30 फीसद) तथा 2004 में 125 (23 फीसद) ने आपराधिक मामलों की घोषणा की थी। विश्लेषण के मुताबिक 2009 के बाद से आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा करने वाले सांसदों की संख्या में 55 फीसद की बढ़ोतरी हुई है।

नवनिर्वाचित हुए 251 सदस्यों में से 170 (31 फीसद) के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं जिनमें दुष्कर्म, हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले हैं। गंभीर अपराध के मामलों वाले सदस्यों की संख्या 2009 से 124 फीसद बढ़ गई है। इस बार चार उम्मीदवारों ने भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) की धारा 302 के तहत अपने ऊपर हत्या से संबंधित मामले दर्ज होने की जानकारी दी है और 27 ने आइपीसी की धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास से संबंधित मामले दर्ज होने की घोषणा की है।

नवनिर्वाचित हुए 15 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर महिलाओं के खिलाफ अपराधों से संबंधित मामले घोषित किए हैं, जिनमें दो पर आइपीसी की धारा 376 के तहत बलात्कार का आरोप है। एडीआर के अनुसार, 18वीं लोकसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में बरकरार भाजपा के 240 विजयी उम्मीदवारों में से 94 (39 फीसद) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इसके मुताबिक कांग्रेस के 99 विजयी उम्मीदवारों में से 49 (49 फीसद) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं और समाजवादी पार्टी के 37 उम्मीदवारों में से 21 (45 फीसद) ने अपने खिलाफ आपराधिक आरोप होने की जानकारी दी है।

तृणमूल कांग्रेस के 29 में से 13 (45 फीसद), द्रमुक के 22 में से 13 (59 फीसद), तेलगू देसम पार्टी के 16 में से आठ (50 फीसद) और शिवसेना के सात विजयी उम्मीदवारों में से पांच (71 फीसद) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं। विश्लेषण में पाया गया कि 63 (26 फीसद) भाजपा उम्मीदवार, 32 (32 फीसद) कांग्रेस उम्मीदवार और 17 (46 फीसद) समाजवादी पार्टी उम्मीदवारों ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने की घोषणा अपने हलफनामों में की है।

इसमें कहा गया है कि नवनिर्वाचित सदस्यों में से सात (24 फीसद) तृणमूल सदस्यों, छह (27 फीसद) द्रमुक उम्मीदवार, पांच (31 फीसद) तेलगू देसम पार्टी उम्मीदवार और चार (57 फीसद) शिवसेना उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं।