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लखनऊ, जेएनएन। आम चुनाव यानी लोकतंत्र का उत्सव। सशक्त और स्वस्थ्य लोकतंत्र के लिए अधिकतम मतदान की अपीलें। यह बात दीगर है कि लोकतंत्र के उत्सव में जो प्रत्याशी मैदान में उतरे हैं, उनमें से अधिकांश दागी हैं। सभी प्रमुख दलों को ऐसे ही उम्मीदवार पसंद हैं, करोड़पति होने की अनिवार्यता के साथ।

चुनाव सुधारों के लिए काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और उप्र इलेक्शन वॉच की रिपोर्ट ने प्रदेश में लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण में मैदान में उतरे 85 उम्मीदवारों में से 83 के शपथपत्रों का विश्लेषण किया है। अस्पष्ट होने के नाते दो उम्मीदवारों चंद्रपाल (आगरा) और लक्ष्मी धनगढ़ (अलीगढ़) के शपथपत्रों का विवेचन नहीं हो सका।

दूसरे चरण में जिन आठ लोकसभा क्षेत्रों में 18 अप्रैल को चुनाव होना है, उनमें नगीना, आगरा, अलीगढ़, अमरोहा, बुलंदशहर, फतेहपुर सिकरी, हाथरस और मथुरा शामिल हैं। एडीआर के राज्य प्रतिनिधि संतोष श्रीवास्तव और समन्वयक अनिल शर्मा ने रविवार को लखनऊ में पत्रकारवार्ता में उम्मीदवारों के शपथपत्रों के आधार पर बताया कि दूसरे चरण के 23 फीसद उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले हैं। इनमें से 17 फीसद पर गंभीर मामले हैं। गंभीर मामलों में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) और लोकदल (लोद) के उम्मीदवार नंबर एक पर हैं। इनके 50-50 फीसद उम्मीदवारों पर गंभीर मामले हैं। भाजपा के 38, बसपा के 33 और कांग्रेस के 25 फीसद उम्मीदवारों पर गंभीर मामलों में एफआइआर दर्ज हैं।

बुलंदशहर लोकसभा सीट से बसपा के उम्मीदवार योगेश वर्मा पर सर्वाधिक 28 मामले दर्ज हैं। इनमें से कुछ हत्या के प्रयास, डकैती और अधिकारियों से जबरन वसूली के हैं। आगरा से भाजपा के उम्मीदवार और प्रदेश सरकार में मंत्री एसपी सिंह बघेल के खिलाफ पांच मामले हैं। इनमें डकैती जैसे अपराध भी शामिल हैं। फतेहपुर सीकरी से कांग्रेस उम्मीदवार राजबब्बर चार मामलों के साथ तीसरे नंबर पर है। इनके खिलाफ धोखाधड़ी जैसे गंभीर मामले भी हैं।

हेमा हैं सबसे अमीर उम्मीदवार औसत संपत्ति में भी भाजपा आगे

दूसरे चरण के उम्मीदवारों में से 41 फीसद करोड़पति हैं। भाजपा, कांग्रेस, बसपा, सपा, आप, अंबेडकर समाज पार्टी, राष्ट्रीय लोकदल, भारतीय अंतरिक्ष पार्टी और राष्ट्रीय समाज रक्षा दल के सभी उम्मीदवार करोड़पति हैं। यूं तो सभी उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 8.14 करोड़ रुपये है, पर मथुरा से भाजपा सांसद व उम्मीदवार हेमा मालिनी 250 करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति के साथ पहले नंबर पर हैं। भाजपा के ही उम्मीदवार 57 करोड़ रुपये से अधिक की औसत संपति के साथ पहले नंबर है।

धनाढ्य प्रत्याशियों की सूची में दूसरे नंबर पर भी अमरोहा से भाजपा के उम्मीदवार कंवर सिंह तंवर हैं। इनकी कुल संपत्ति 182 करोड़ रुपये से अधिक है। मथुरा से कांग्रेस के उम्मीदवार महेश पाठक 35 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरे नंबर पर हैं। अलीगढ़ से बसपा उम्मीदवार अजीत बालियान के पास 28 करोड़ रुपये, मथुरा से राष्ट्रीय लोकदल के उम्मीदवार नरेंद्र सिंह के पास 21 करोड़ रुपये और राजबब्बर के पास 18 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है।

पांच सर्वाधिक धनी उम्मीदवारों में से तीन मथुरा से

पांच सर्वाधिक संपत्ति वालों उम्मीदवारों में से तीन (हेमामालिनी, महेश पाठक और नरेंद्र सिंह) मथुरा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। इस तरह हेमा के नाते यहां फिल्मी ग्लैमर के साथ पैसे की भी चकाचौंध रहेगी। एडीआर के राज्य प्रतिनिधि ने बताया कि धनबली उम्मीदवारों की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि अब राजनीति में गरीबों के लिए अवसर कम हो गए हैं।

तीन सबसे गरीब उम्मीदवार

धनबलियों के मुकाबले कुछ गरीब उम्मीदवार भी हैं। मसलन आगरा से चुनाव लड़ रहे हांसूराम अंबेडकरी के पास सिर्फ 1200 रुपये, मथुरा के फक्कड़ बाबा के पास 12722 और फतेहपुर सीकरी के सादाब नूर के पास 2000 रुपये हैं। तीनों के पास कोई अचल संपत्ति नहीं हैं।

पांच के शिक्षा के कॉलम खाली, सात सिर्फ साक्षर

उम्मीदवारों में पांच ने शैक्षिक योग्यता का कालम भरा ही नहीं। सात सिर्फ साक्षर हैं। दो प्रत्याशी पांचवीं, आठ आठवीं, नौ दसवीं और 12 सिर्फ बारहवीं तक पढ़े हैं। स्नातक करने वालों की संख्या सर्वाधिक 18 है।

सर्वाधिक उम्मीदवार 41 से 50 वर्ष की उम्र के

दूसरे चरण के उम्मीदवारों में 60 फीसद 25 से 50 और 40 फीसद 51 से 80 वर्ष के बीच हैं। इनमें से आठ 25 से 30 वर्ष के बीच हैं। सर्वाधिक 26 उम्मीदवार 41 से 50 वर्ष के बीच के हैं। टिकट में आधी आबादी का प्रतिनिधित्व सिर्फ 11 फीसद है। इस चरण में सिर्फ नौ महिला उम्मीदवार हैं।