भोपाल। विधानसभा में चुनकर गए 230 विधायक भले ही पूरे प्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता का प्रतिनिधित्व करते हों, लेकिन चुनाव में उनके पक्ष में कुल 46.6 फीसदी मतदाताओं ने वोट दिया है।
इसका मतलब है कि करीब 54 फीसदी वोट उनके खिलाफ पड़े। यह तथ्य चुनाव सुधार के लिए काम करने वाली एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स संस्था द्वारा जारी एक रिपोर्ट में आए हैं।
मौजूदा विधायकों को 2013 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले कम वोट मिले हैं। 2013 में चुने गए विधायकों को कुल मतदान का लगभग 47.3 फीसदी वोट मिला था। प्रदेश के कुल मतदाताओं के मुकाबले देखा जाए तो 230 विधायक 35.3 प्रतिशत मतदाताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। जबकि बाकी करीब 65 फीसदी मतदाताओं ने या तो विधायकों उनके खिलाफ वोट डाला या वोट डाला ही नहीं।
सिर्फ 83 विधायकों को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिला
मप्र में हुए विधानसभा चुनावों में सिर्फ 83 विधायकों को उनके क्षेत्र में 50 प्रतिशत या उससे ज्यादा वोट मिले। अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित करने वाले 42 और 74 करोड़पति विधायकों को 50 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल हुए हैं। बाकी 147 विधायकों को क्षेत्र में 50 फीसदी से कम वोट मिले हैं। 50 फीसदी से कम वोट हासिल करने वाले भाजपा के 71, कांग्रेस के 69, बसपा के दो, सपा के एक और चारों निर्दलीय विधायक हैं।
रिपोर्ट में यह भी
- आपराधिक मामले घोषित करने वाले 55 विधायकों ने साफ छवि वाले प्रत्याशी के खिलाफ जीत हासिल की है।
- 50 साफ छवि वाले विधायकों ने आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों को हराया है।
- 187 करोड़पति विधायकों में से 35 ने गैर-करोड़पति प्रत्याशी को हराया है।
- 30 गैर-करोड़पति विधायक करोड़पति प्रत्याशी को हराकर विधानसभा पहुंचे हैं।
- फिर से चुनकर आए 86 में से 27 विधायक को 50 प्रतिशत से ज्यादा वोट मिले हैं।