मध्य प्रदेश चुनाव के लिए प्रचार थम चुका है और 28 नवंबर को राज्य की 230 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। चुनाव में वोट देने से पहले आप भी जान लीजिए कि नेतागण किस तरह कमाई करते हैं और देखते ही देखते उनकी संपत्ति दोगुनी-तीन गुनी हो जाती है।
- दोबारा चुनाव लड़ रहे 167 विधायकों की संपत्ति में 71% की औसत वृद्धि
- बीजेपी के 179 यानी 81% प्रत्याशी करोड़पति, औसत संपत्ति 6.23 करोड़
- दोबारा लड़ रहे कांग्रेस के 53 विधायकों की संपत्ति में 49.1% की हुई वृद्धि
- बीजेपी के संजय सत्येंद्र पाठक 226 करोड़ की संपत्ति के साथ सबसे धनी
यदि भारत एक कृषि प्रधान देश हैं तो हमारे नेता किसानों के सबसे बड़े प्रतिनिधि हैं। इतने बड़े प्रतिनिधि कि खुद किसानों को भी मालूम नहीं कि उनके नेताजी खेती करते हैं और मोटा मुनाफा भी कमाते हैं। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 की 230 सीटों में से 174 प्रत्याशी दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें से 7 लोगों का नामांकन रद्द होने के बाद बाकी बचे 167 विधायकों ने अपने शपथ पत्र में संपत्ति की जो जानकारी दी है, उससे देखकर लगता है कि देश में उन्नत किसान हैं। उद्योगपतियों का नंबर दूसरे पायदान पर आता है। इन 167 विधायकों में से 126 ने अन्य आय के स्रोत में विधायकों की सैलरी के अतिरिक्त कृषि को भी अपनी कमाई का जरिया बताया है।
ताओं ने काटी अच्छी ‘फसल’
पिछले पांच वर्षों में हमारी और आपकी इनकम में जितना भी इजाफा हुआ हो लेकिन एक बार विधायक बनने के बाद नेताओं के खेतों में अच्छी ‘फसल’ की गारंटी है। दोबारा चुनाव लड़ रहे इन 167 विधायकों की संपत्ति में पिछले पांच वर्षों में 71% की औसत वृद्धि हुई है। इन विधायकों की संपत्ति में औसतन 3.64 करोड़ रुपये की वृद्धि हुई है। दोबारा चुनाव लड़ने वालों में सबसे ज्यादा 107 विधायक बीजेपी के हैं। पांच सालों में इन 107 विधायकों की संपत्ति में औसतन 84.64% की सबसे ज्यादा वृद्धि हुई है जबकि कांग्रेस के 53 विधायकों की संपत्ति में 49.1% की वृद्धि हुई है।
इन नेताओं की संपत्ति बढ़ी (टॉप 5)
प्रत्याशी विधानसभा पार्टी 2013 2018
संजय पाठक विजयराघवगढ़ बीजेपी 121 करोड़ 226 करोड़
संजय शर्मा तेंदूखेड़ा कांग्रेस 65 करोड़ 130 करोड़
दिव्यराज सिंह सिरमौर बीजेपी 4.16 करोड़ 62.2 करोड़
सुदेश राय सिहोर बीजेपी 10 करोड़ 67 करोड़
बलवीर सिंह दंतोदिया मोनेरा बीएसपी 11 करोड़ 28.5 करोड़
इन्हें राजनीति में हुआ नुकसान
देशभर में किसानों की हालत छुपी हुई नहीं है। जिन नेताओं की संपत्ति में वृद्धि हुई हैं उन्होंने कृषि के साथ-साथ और भी व्यवसाय किए हैं। लेकिन उन नेताओं का क्या जिनकी इनकम पूरी तरह से किसानी और विधायकों के वेतन पर निर्भर है। ऐसे विधायकों को नुकसान भी उठाना पड़ा है। इस बार ऐसे विधायक जिन्होंने 2013 में घोषित की गई कुल संपत्ति में इस बार घाटा बताया है।
जिन्हें कमाई में हुआ नुकसान (टॉप 5)
प्रत्याशी विधानसभा पार्टी 2013 2018
शिवनारायण सिंह बांधवगढ़ बीजेपी 5 करोड़ 51 लाख
राजेंद्र फूलचंद वर्मा सोनकच्छ बीजेपी 1 करोड़ 34 लाख
मंजू राजेंद्र दादू नेपानगर बीजेपी 2 करोड़ 53 लाख
यादवेंद्र सिंह नागोद कांग्रेस 11 करोड़ 2 करोड़
मनोज निर्भयसिंह पटेल देपलपुर बीजेपी 18 करोड़ 14 करोड़
गरीब प्रजा के करोड़पति ‘सेवक’
पिछले पांच वर्षों में नेताओं को जनता का सेवक के तौर पर पेश करने वाली बात को लगभग ब्रांड की तरह स्थापित कर दिया गया है। प्रधानमंत्री खुद को प्रधानसेवक के तौर पर प्रचारित करते हैं लेकिन जब बारी चुनाव लड़ने की आती है तो अधिकांश पार्टियां करोड़पतियों को ही टिकट देना पसंद करती हैं। मध्य प्रदेश में बीजेपी के 179 यानी 81% प्रत्याशी करोड़पति हैं। इनकी औसत संपत्ति 6.23 करोड़ रुपये हैं। कांग्रेस के 173 यानी 74 प्रतिशत प्रत्याशी करोड़पति हैं जिनकी औसत संपत्ति 8.62 करोड़ रुपये हैं।
ये हैं सबसे धनी उम्मीदवार
उम्मीदवार पार्टी कुल संपत्ति
संजय सत्येंद्र पाठक बीजेपी 226 करोड़
संजय शुक्ला कांग्रेस 139 करोड़
संजय शर्मा कांग्रेस 130 करोड़
ये हैं गरीब उम्मीदवार
उम्मीदवार पार्टी कुल संपत्ति
सुरेश सिंह सतनामी भारतीय पंचायत पार्टी 500 रुपये
पंकज तिवारी निर्दलीय 1000 रुपये
सुनील वरकडे आम आदमी पार्टी 1000 रुपये
नोट: विधानसभा चुनावों के लिए यह विश्लेषण इलेक्शन वॉच और असोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा किया गया है। 1999 में स्थापित एडीआर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (अहमदाबाद) के प्रफेसर्स का एक ग्रुप है, जो राजनीति में बदलाव के लिए काम करता है। इसी संस्था द्वारा दायर की गई जनहित याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2002 में सभी उम्मीदवारों को उनकी आपराधिक, शैक्षणिक और वित्तीय पृष्ठभूमि का ब्योरा चुनाव आयोग को सौंपने का आदेश दिया।