विधानसभा चुनाव में 81 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार उतारने वाली भाजपा के 40 और 78 प्रतिशत करोड़पति प्रत्याशी देने वाली कांग्रेस के 45 उम्मीदवारों ने अपने शपथ पत्र में आयकर रिटर्न की जानकारी नहीं दी है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 63 प्रतिशत उम्मीदवारों ने आयकर रिटर्न की जानकारी नहीं दी है, वहीं 165 उम्मीदवारों ने आय के स्रोत और 544 प्रत्याशियों ने पैन कार्ड की जानकारी नहीं दी है।
जिन उम्मीदवारों ने आयकर रिटर्न की जानकारी नहीं दी है उसमें 146 करोड़पति हैं। ऐसे शीर्ष दस उम्मीदवारों में अनूपपुर से भाजपा प्रत्याशी रामलाल रौतेल, इछावर से कांग्रेस उम्मीदवार शैलेंद्र पटेल, खुरई से अरुणोदय चौबे, गाडरवारा से सुनीता पटेल सहित बहुजन समाज पार्टी के भी दो प्रत्याशी शामिल हैं।
यह सभी प्रत्याशी करोड़पति हैं, लेकिन इन्होंने संपत्ति घोषित नहीं की। करीब एक हजार उम्मीदवारों ने अपने जीवनसाथी की आय का स्रोत नहीं बताया है। सात प्रत्याशी ऐसे हैं, जिनके पास पैनकार्ड तो है, लेकिन उनकी संपत्ति शून्य है।
निलय डागा के ऊपर सबसे ज्यादा कर्ज
1166 प्रत्याशियों के ऊपर कर्ज है। इसमें सबसे ज्यादा कर्ज बैतूल से कांग्रेस प्रत्याश्ाी निलय डागा पर है। उन्होंने अपने ऊपर 54 करोड़ रुपए की देनदारी बताई है, वहीं संजय पाठक ने 52 करोड़ और संजय शुक्ला ने 46 करोड़ रुपए का कर्ज होने की जानकारी दी है।
भाजपा के 179 और कांग्रेस के 173 प्रत्याशी करोड़पति
एडीआर ने भाजपा के 220 और कांग्रेस के 223 उम्मीदवारों के शपथ पत्र का अध्ययन किया है। एडीआर के मुताबिक भाजपा के 179 और कांग्रेस के 173 उम्मीदवार करोड़पति हैं। 2013 के मुकाबले करोड़पति प्रत्याश्ाी की संख्या 5 प्रतिशत बढ़ी है। 2013 में 19 और 2018 में 24 प्रतिशत उम्मीदवारों की संपत्ति एक करोड़ से ज्यादा है।
50 प्रतिशत प्रत्याशी बारहवीं से कम पढ़े
एडीआर ने विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की शैक्षणिक स्थिति की रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक 54 प्रत्याशी अनपढ़ हैं। 1365 उम्मीदवार पांचवीं से बारहवीं तक और 1095 उम्मीदवार ने ग्रेजुएशन से ज्यादा पढ़ाई की है। रिपोर्ट के मुताबिक 40 प्रतिशत उम्मीदवार ग्रेजुएट या इससे ज्यादा पढ़े हैं और 50 प्रतिशत उम्मीदवार बारहवीं से कम पढ़े हैं। 39 प्रतिशत उम्मीदवार 40 साल से कम उम्र के हैं।