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मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 12 हजार 363 केंद्रीय कर्मचारी भी तैनात होंगे। इन्हें चुनाव आयोग ने माइक्रो ऑब्जर्वर बनाया है। मतदान दल में तीन लाख 782 कर्मचारी रहेंगे। इनमें 45 हजार 904 महिलाएं हैं। कानून व्यवस्था के मद्देनजर एक लाख 80 हजार कर्मचारियों का पुलिस बल लगाया है। चुनाव प्रचार थमने के साथ ही शराब बिक्री पर भी रोक लग गई है। होटल, बार, रेस्टोरेंट या पब में भी शराब परोसने पर प्रतिबंध रहेगा।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांताराव ने बताया कि शांतिपूर्ण मतदान की पूरी तैयारियां हो चुकी हैं। 65 हजार 367 मतदान केंद्र में 17 हजार क्रिटिकल (संवेदनशील) हैं। छह हजार 655 मतदान केंद्रों में वेबकास्टिंग और छह हजार 400 केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही चार हजार 678 केंद्रों की वीडियोग्राफी कराई जाएगी। तीन हजार 46 मतदान केंद्रों का संचालन पूरी तरह से महिलाएं करेंगी। वहीं, 160 मतदान केंद्रों में दिव्यांगकर्मी रहेंगे।

मतदाता सूची में नाम नहीं तो वोट नहीं

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने साफ किया कि यदि मतदाता सूची में नाम नहीं हैं तो कोई भी व्यक्ति मतदान नहीं कर पाएगा। अब कोई भी नाम मतदाता सूची में नहीं जुड़ेगा। मतदाता सूची में नाम है और मतदाता पर्ची नहीं मिली है तो मतदान केंद्र में परिचय पत्र दिखाकर वोट कर सकेंगे। नौ नवंबर को जारी मतदाता सूची के आधार पर ही मतदान होगा। यदि कोई दूसरा मतदाता का वोट डाल देता है तो वो अपनी पुख्ता पहचान बताकर टेंडर वोट डाल सकेगा। इसे बैलेट पेपर में रखा जाएगा।

वीवीपैट खराब होकर बदलने पर भी मत की रहेगी गोपनीयता

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि चुनाव के दौरान वीवीपैट खराब हो जाती है और उसे बदलने की नौबत आती है तो उसमें जमा पर्ची पूरी तरह सुरक्षित और गोपनीय रहेंगी। मॉकपोल करने के बाद पर्ची को काले लिफाफे में सील कर प्लास्टिक के बॉक्स में रखा जाएगा।

68 करोड़ रुपए की जब्ती

इस चुनाव में अब तक 68 करोड़ रुपए की रिकॉर्ड जब्ती हुई है। इसमें 29 करोड़ रुपए की नकदी, 13 करोड़ रुपए की अवैध शराब, साढ़े पांच करोड़ रुपए की ड्रग्स, दस करोड़ रुपए का सोना-चांदी और अन्य नौ करोड़ रुपए की जब्ती हुई है। वहीं, दो हजार 88 एफआईआर दर्ज हुई हैें। इसमें 12 सौ संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत हुई कार्रवाई शामिल हैं।