एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, नगालैंड विधानसभा चुनाव में उतरे 184 उम्मीदवारों में से 116 करोड़पति हैं। पिछले चुनाव के मुकाबले करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या में इजाफा हुआ है।
2023 नगालैंड विधानसभा चुनाव के लिए सभी पार्टियां प्रचार में जुटी हुईं हैं। इसी बीच एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म यानी एडीआर ने चुनाव लड़ने वाले सभी 184 उम्मीदवारों के हलफनामों का विश्लेषण किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 184 में से सात (चार फीसदी) उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में 193 में से तीन (दो फीसदी) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये थे। चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों की औसत संपत्ति भी इस बार बढ़ी है।
63 फीसदी करोड़पति उम्मीदवार लड़ रहे चुनाव
एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, इस चुनाव में उतरे 184 उम्मीदवारों में से 116 (63 फीसदी) करोड़पति हैं। पिछले चुनाव के मुकाबले करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या में इजाफा हुआ है।
2018 नगालैंड विधानसभा चुनावों में, 193 उम्मीदवारों में से 114 (59 फीसदी) करोड़पति थे।
भाजपा ने 90 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति
पार्टीवार देखें तो भाजपा के 90 फीसदी उम्मीदवार करोड़पति हैं। राज्य में पार्टी 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। 20 में से 18 प्रत्याशी करोड़पति हैं। मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो की पार्टी एनडीपीपी के 40 में से 34 (85 फीसदी) प्रत्याशी करोड़पति हैं। एनपीएफ के 22 उम्मीदवारों में से 13 (59 फीसदी), जदयू के सात उम्मीदवारों में से चार (57 फीसदी) और कांग्रेस के 23 उम्मीदवारों में से छह (26 फीसदी) की संपत्ति एक करोड़ रुपये से अधिक है।
एडीआर की रिपोर्ट की मानें तो नगालैंड विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ने वाले प्रति उम्मीदवार की औसत संपत्ति 5.13 करोड़ रुपये है। हालांकि, 2018 विधानसभा चुनावों में, 193 उम्मीदवारों के लिए प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 3.76 करोड़ रुपये थी।
एनडीपीपी के प्रत्याशियों की औसत संपत्ति सबसे ज्यादा
पार्टी-वार औसत संपत्ति के आंकड़ों पर नजर डालें तो यहां भी एनडीपीपी आगे है। इसके कुल 40 उम्मीदवारों के लिए प्रति उम्मीदवार औसत संपत्ति 7.47 करोड़ रुपये है। 20 भाजपा उम्मीदवारों के पास औसत संपत्ति 6.58 करोड़ रुपये है। बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू के सात उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 5.14 करोड़ रुपये है। 22 एनपीएफ उम्मीदवारों के पास औसतन 2.32 करोड़ रुपये की संपत्ति है। 23 कांग्रेस उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 65.98 लाख रुपये है।
मुख्यमंत्री दूसरे सबसे धनी प्रत्याशी
चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (रामविलास) से डॉ सुखातो ए सेमा इस चुनाव में उतरे सबसे अमीर उम्मीदवार हैं। सेमा के पास 160 करोड़ की दौलत है। इस मामले में दूसरा नाम
राज्य के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो का है, उनकी संपत्ति 46 करोड़ रुपए है। व,हीं भाजपा के काहुली सेमा 34 करोड़ की संपत्ति के साथ तीसरे सबसे धनी प्रत्याशी हैं।
सबसे गरीब उम्मीदवार के पास महज पांच हजार
चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों में तीन ऐसे भी हैं जिनकी संपत्ति पांच हजार से 50 हजार के बीच है। कांग्रेस के गामपाई कोन्याक ने अपनी संपत्ति मात्र 5,251 रुपए बताई है। इस मामले में एनपीएफ के चिंगसाक कोन्याक दूसरे स्थान पर हैं, उनकी दौलत 25 हजार है। निर्दलीय उमीदवार डॉ. चिंगो वालिम ने अपनी संपत्ति 50 हजार रुपए बताई है।

27 फीसदी उम्मीदवार केवल आठवीं-12वीं पास
चुनाव लड़ रहे 49 (27 फीसदी) उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी पढ़ाई केवल 8वीं से 12वीं पास के बीच की है। वहीं 128 (70 फीसदी) उम्मीदवारों ने अपने हलफनामों में स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता बताई है। चार उम्मीदवार डिप्लोमा धारक हैं। एक प्रत्याशी केवल साक्षर हैं तो दो ऐसे भी हैं जो निरक्षर हैं।

चुनाव लड़ने में युवाओं की भागीदारी कम
25 से 40 वर्ष के बीच आयु के 19 (10 फीसदी) उम्मीदवार इस बार चुनावी मैदान में हैं। 112 (61 फीसदी) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की है। 51 (28 फीसदी) उम्मीदवार ऐसे हैं जिनकी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच है। 80 वर्ष से अधिक उम्र वाले दो उम्मीदवार हैं।
केवल दो फीसदी महिलाएं चुनाव मैदान में
2023 नगालैंड विधानसभा चुनाव में मात्र चार (दो फीसदी) महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं। वहीं 2018 चुनावों में, 193 उम्मीदवारों में से पांच (तीन फीसदी) महिलाएं थीं।

सबसे ज्यादा दागी एनडीपीपी के
राज्य की सत्ताधारी पार्टी एनडीपीपी के 40 उम्मीदवारों में से दो (पांच फीसदी) उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। उधर सहयोगी बीजेपी के 20 उम्मीदवारों में से केवल एक ही उम्मीदवार दागी है।
नगालैंड की मुख्य विपक्षी पार्टी एनपीएफ के 22 उम्मीदवारों में से एक ही उम्मीदवार ऐसा है जिसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज है। इसी तरह कांग्रेस के 23 उम्मीदवारों में से एक ने अपने खिलाफ आपराधिक मामलों की जानकारी दी है।
प्रत्याशियों में से दो ऐसे हैं जिनके खिलाफ हत्या (आईपीसी की धारा-302) का मामला दर्ज है। वहीं एक उम्मीदवार ने अपने हलफनामे में बताया है कि उसके खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है।