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Source
DNA India
https://www.dnaindia.com/hindi/india/news-national-parties-received-more-15-thousand-crore-donation-unknown-sources-says-adr-report-4047300
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डीएनए हिंदी वेब डेस्क
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Political Parties Donation: एडीआर की एक रिपोर्ट में सामने आया है कि बीते 15 सालों में देश की राष्ट्रीय पार्टियों को अनजान स्रोतों से 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिल चुका है.

डीएनए हिंदी: राष्ट्रीय पार्टियों को चंदे के रूप में लाखों-करोड़ो रुपये मिलते हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रैटिक रिफॉर्म्स (ADR) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 15 सालों में देश की राष्ट्रीय पार्टियों को सिर्फ़ अनजान स्रोतों से 15 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का चंदा मिला. रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2020-21 में ही राष्ट्रीय और क्षेत्रीय पार्टियों को अनजान स्रोतों से 690.67 करोड़ रुपये का चंदा हासिल हुआ.

अपने विश्लेषण के लिए एडीआर ने 8 राष्ट्रीय पार्टियों और 27 क्षेत्रीय पार्टियों को मिलने वाले चंदे का विश्लेषण किया है. इसके मुताबिक, राष्ट्रीय पार्टियों को 2004-05 से 2020-21 तक कुल 15,077.97 करोड़ रुपये का चंदा ऐसा मिला जिसे देने वाले के बारे में कोई जानकारी नहीं थी. जिन आठ राष्ट्रीय पार्टियों की बात यहां हो रही है उनमें बीजेपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, बीएसपी, एनसीपी, सीपीएम, सीपीआई और एनपीईपी शामिल हैं.

ITR और चुनाव आयोग को दी गई जानकारी से हुआ खुलासा
क्षेत्रीय पार्टियों में AAP, जेडीयू, आरएलडी, शिवसेना, टीआरएस, बीजेडी, टीआरएस, वाईएसआर कांग्रेस, जेएमएम और तमाम क्षेत्रीय दल शामिल हैं. एडीआर ने इन पार्टियों की ओर से फाइल किए गए आईटीआर का विश्लेषण करके और चुनाव आयोग को इनकी ओर से चंदे के बारे में दी गई जानकारी का हिसाब किताब लगाकर यह रिपोर्ट तैयार की है. 

साल 2020-21 में कांग्रेस को 178.78 करोड़ रुपये अज्ञात स्रोतों से मिले. यह रकम कांग्रेस को मिले कुल चंदे के 41 प्रतिशत के बराबर है यानी कांग्रेस को इस साल कुल 426.74 करोड़ रुपये का चंदा मिला. वहीं, बीजेपी को इसी साल 100.50 करोड़ रुपये का चंदा अनजान स्रोतों से हासिल हुआ. यह रकम बीजेपी को मिले कुल चंदे के 23.55 प्रतिशत के बराबर है.

क्षेत्रीय पार्टियों में अनजान स्रोतों से सबसे ज्यादा चंदा पाने वाली पार्टियों में वाईएसआर कांग्रेस 96.25 करोड़, डीएमके 80.02 करोड़, बीजेडी 67 करोड़, एमएनएस 5.773 करोड़ और आम आदमी पार्टी 5.4 करोड़ हैं. एक साल में मिले 690.67 करोड़ रुपये का 47.06 प्रतिशत हिस्सा इलेक्टोरल बॉन्ड के ज़रिए हासिल हुआ.