उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की रिपोर्ट के मुताबिक विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में करोड़पति उम्मीदवारों की भरमार है. वहीं, 27 फीसदी दागी प्रत्याशी हैं, जिनमें सबसे अधिक सपा के प्रत्याशी हैं. इस चरण में कुल 693 उम्मीदवार किस्मत अजमाएंगे. इनमें से 685 उम्मीदवारों के शपथपत्रों का विश्लेषण किया गया. आठ प्रत्याशियों के शपथ पत्र स्पष्ट न होने से उनका विश्लेषण नहीं किया जा सका है.
एडीआरयूपी इलेक्शन वॉच के राज्य संयोजक संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि 685 उम्मीदवारों में 185 (27%) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं. वहीं, गंभीर आपराधिक मामले 141 (21%) हैं. उम्मीदवारों की ओर से घोषित आपराधिक मामलों की दलवार बात करें तो समाजवादी पार्टी के 59 में से 42 (71%), अपना दल सोनेलाल के 7 में से 4 (57% ), बीजेपी के 52 में से 25 (48%), बसपा के 61 में से 23 (38%), काग्रेस के 61 में से 23 (38%) और आप पार्टी 52 में से 10 (19% ) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषत किये हैं.
इसी तरह गंभीर आपराधिक मामले दलवार स्थिति में समाजवादी पार्टी के 59 में से 29 (49%), अपना दल सोनेलाल के 7 में से 2 (29% ), बीजेपी के 52 में से 22 (42%), बसपा के 61 में से 17 (28 %), काग्रेस के 61 में से 17 (28% ) और आप पार्टी के 52 में से 7 (14%) उम्मीदवारों ने अपने ऊपर घोषित किये हैं.
पांचवें चरण में उम्मीदवारों द्वारा घोषित आपराधिक मामलों में पहले स्थान पर बहुजन समाज पार्टी से यश भद्र सिंह हैं, जो सुल्तानपुर के इसौली विधानसभा सीट से उम्मीदवार हैं. इन पर 21 मामले दर्ज हैं (गंभीर धाराएं 26) , दूसरे स्थान पर प्रयागराज जनपद के इलहाबाद उत्तर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के संदीप यादव हैं जिन पर 35 मामले (गंभीर धाराएं 24) और तीसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी बहराइच के पयागपुर विधानसभा क्षेत्र से मुकेश श्रीवास्तव हैं, इन पर 9 मामले दर्ज (गंभीर धाराएं 21) हैं.
महिला अपराध की स्थिति
इसी तरह 12 उम्मीदवारों ने महिलाओं के ऊपर अत्याचार से सम्बन्धि मामले घोषित किए हैं. इन 12 में से 1 उम्मीदवार ने अपने ऊपर बलात्कार (आईपीसी-376) से सम्बन्धित मामला घोषित किया है. 8 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या (आईपीसी-302) से सम्बन्धित मामले घोषित किए हैं. वहीं, 31 उम्मीदवारों ने अपने ऊपर हत्या का प्रयास (आईपीसी-307) से सम्बन्धित मामले घोषित किये हैं. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पांचवें चरण में 61 में से 39 (64 %) संवेदनशील निर्वाचन क्षेत्र हैं, जहां 3 या उससे अधिक उम्मीदवारों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किये हैं.
करोड़पति प्रत्याशियों की स्थिति
संतोष श्रीवास्तव ने कहा कि इसी तरह हम करोड़पति उम्मीदवारों की बात करें तो 685 में से 246 (36 %) पांचवें चरण में करोड़पति उम्मीदवार हैं. चुनाव में धनबल की भूमिका इस बात से स्पष्ट होती है कि सभी प्रमुख राजनीतिक दल धनी उम्मीदवारों को टिकट देते हैं. करोड़पति उम्मीदवार दलवार स्थिति की बात करें तो बीजेपी के 52 में से 47 (90%), अपना दल सोनेलाल के 7 में से 6 (86%), समाजवादी पार्टी के 59 में से 49 (83% ), बसपा के 61 में से 44 (72%), कांग्रेस के 61 में से 30 (49%), और आप पार्टी के 52 में से 11 (21%) उम्मीदवार करोड़पति हैं.
सबसे ज्यादा संपत्ति घोषित करने वाले शीर्ष 3 उम्मीदवारों में से पहले स्थान में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जनपद अमेठी से तिलोई विधानसभा से उम्मीदवार मयंकेश्वर शरण सिंह हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति 58 करोड़ बतायी है. दूसरे स्थान पर जनपद प्रतापगढ़ के कुंडा विधानसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सिंधुजा मिश्रा सेनानी हैं, जिनकी संपत्ति 52 करोड़ है. वहीं, तीसरे स्थान पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) के जनपद अमेठी विधानसभा सीट से डॉ. संजय सिंह हैं, जिन्होंने अपनी संपत्ति 50 करोड़ बतायी है. उत्तर प्रदेश चुनाव 2022 के पांचवें चरण में उम्मीदवारों की औसतन संपत्ति 2.48 करोड़ रुपये है. वहीं, 296 (43%) उम्मीदवारों ने अपनी देनदारी घोषित की है.
उत्तर प्रदेश इलेक्शन वाच एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पांचवें चरण में 231 (34%) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता 5वीं और 12वीं के बीच घोषित की है, जबकि 407 (59%) उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता स्नातक और इससे ज्यादा घोषित की है. 2 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता डिप्लोमा धारक घोषित की है. वहीं, 32 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता साक्षर और 6 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता असाक्षर घोषित की है. 7 उम्मीदवारों ने अपनी शैक्षिक योग्यता घोषित नहीं की है. 248 (36%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 25 से 40 वर्ष के बीच घोषित की हैं, जबकि 368 (54%) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 41 से 60 वर्ष के बीच घोषित की हैं. 69 (10 %) उम्मीदवारों ने अपनी आयु 61 से 80 वर्ष के बीच घोषित की है.
महिला प्रत्याशियों की स्थिति
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के पांचवें चरण में 90 (13%) महिला उम्मीदवार चुनाव लड़ रही हैं. उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच के मुख्य समन्वयक डॉक्टर संजय सिंह का कहना है कि जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश में चुनाव के चरण बढ़ रहे हैं, उसी तरह से अपराधियों और धनबलियों का प्रतिशत भी बढ़ता जा रहा है. चुनावी समर में अब बाहुबली और धनबलियों की भरमार लोकतंत्र के लिए चिंताजनक स्थिति बना रही है, जिस पर राजनीतिक दलों को चिंतन करना चाहिए.