ADR Report: क्या आप जानते हैं कि किस पार्टी से ऐसे सबसे अधिक सांसद लोकसभा पहुंचे हैं, जो करोड़पति हैं? एडीआर के विश्लेषण में ये बात सामने आई है कि लोकसभा में चुनकर आए 93 प्रतिशत माननीय करोड़पति हैं। आपको बताते हैं कि इस बार कैसे सारे रिकॉर्ड टूट गए।
Richest MP in Lok Sabha: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आने के बाद अलग-अलग तथ्य सामने आ रहे हैं। नवनिर्वाचित सांसदों से जुड़े तरह-तरह के फैक्ट्स का खुलासा हो रहा है। किस सांसद के खिलाफ कितने आपराधिक और गंभीर मामले दर्द हैं, किसके पास कितनी संपत्ति है। ऐसी तमाम बातें सामने आ रही हैं, तो क्या आप ये जानते हैं कि इस बार कितने करोड़पति सांसद लोकसभा पहुंचे हैं, किस पार्टी से ऐसे सबसे अधिक सांसद लोकसभा पहुंचे हैं, जो करोड़पति हैं? आपको इससे जुड़ी अहम जानकारी बताते हैं।
किस पार्टी का सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट?
इस चुनाव में चुन कर आए 93 प्रतिशत लोकसभा सदस्य करोड़पति हैं जो 2019 के 88 प्रतिशत के मुकाबले पांच प्रतिशत अधिक है। चुनाव अधिकार निकाय एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) ने उम्मीदवारों के नामांकन के साथ दाखिल हलफनामा के विश्लेषण के आधार पर यह जानकारी दी है। यानी 2024 में 543 में से 504 करोड़पति सांसदों की लोकसभा में एंट्री हुई है, जिससे पिछले कई साल पुराने रिकॉर्ड टूट गए हैं। आपको बताते हैं कि किस पार्टी का सबसे ज्यादा स्ट्राइक रेट है।
कौन है सबसे अमीर लोकसभा सांसद?
एडीआर के मुताबिक अगली लोकसभा में शीर्ष तीन अमीर सदस्यों में 5,705 करोड़ की संपत्ति के साथ तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के चंद्र शेखर पेम्मासानी, 4,568 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के कोंडा विश्वेश्वर रेड्डी और 1,241 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ भाजपा नेता नवीन जिंदल शामिल हैं। पेम्मासानी आंध्र प्रदेश के गुंटुर से जीत कर आए हैं वहीं विश्वेश्वर रेड्डी तेलंगाना में चेवल्ला से और नवीन जिंदल हरियाणा के कुरुक्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं।
93 प्रतिशत सांसद हैं करोड़पति
विश्लेषण के मुताबिक लोकसभा के लिए निर्वाचित 543 सदस्यों में से 504 करोड़पति हैं। एडीआर के मुताबिक 2019 की लोकसभा में 475 (88 प्रतिशत) और 2014 की लोकसभा में 443 (82 प्रतिशत) सदस्य करोड़पति थे। संसद के निचले सदन में करोड़पतियों के बढ़ने की परिपाटी 2009 से देखी जा रही है, तब 315 (58 प्रतिशत) सदस्य करोड़पति थे।
किस पार्टी से कितने करोड़पति सांसद
विश्लेषण के अनुसार, भाजपा के 240 विजयी उम्मीदवारों में से 227 (95 प्रतिशत), कांग्रेस के 99 में से 92 (93 प्रतिशत), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रविड़) के 22 में से 21 (95 प्रतिशत), तृणमूल कांग्रेस के 29 में से 27 (93 प्रतिशत) और समाजवादी पार्टी के 37 उम्मीदवारों में से 34 (92 प्रतिशत) ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है। एडीआर के आंकड़ों के मुताबिक आम आदमी पार्टी (आप) के सभी तीन, जनता दल यूनाइटेड के सभी 12 और तेदेपा के सभी 16 विजयी उम्मीदवार करोड़पति हैं।
कौन ज्यादा अमीर, कौन कम अमीर?
एडीआर ने उम्मीदवारों की वित्तीय पृष्ठभूमि के आधार पर उनकी जीत की संभावनाओं का भी विश्लेषण किया है। इसके मुताबिक 2024 के लोकसभा चुनाव में करोड़पति उम्मीदवार के जीतने की संभावना 19.6 प्रतिशत है, जबकि एक करोड़ से कम संपत्ति वाले उम्मीदवारों के लिए यह संभावना मात्र 0.7 प्रतिशत है। एडीआर ने विजयी सदस्यों के बीच संपत्ति के वितरण का भी विश्लेषण किया है। आंकड़ों के मुताबिक 42 प्रतिशत उम्मीदवारों के पास 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक की संपत्ति है। 19 प्रतिशत उम्मीदवारों की संपत्ति पांच से 10 करोड़ रुपये के बीच है जबकि 32 प्रतिशत उम्मीदवारों की संपत्ति एक से पांच करोड़ रुपये के बीच है।
1% नए सांसदों की संपत्ति 20 लाख से कम
आंकड़ों के मुताबिक मात्र एक प्रतिशत नए सदस्यों की संपत्ति 20 लाख रुपये से कम है। प्रमुख दलों में, विजयी उम्मीदवार की औसत संपत्ति में भी काफी भिन्नता है। तेदेपा के निर्वाचित सदस्यों की औसत संपत्ति 442.26 करोड़ रुपये है जबकि भाजपा सदस्यों की औसत संपत्ति 50.04 करोड़ रुपये, द्रमुक की 31.22 करोड़ रुपये, कांग्रेस की 22.93 करोड़ रुपये, तृणमूल की 17.98 करोड़ रुपये और सपा की 15.24 करोड़ रुपये है।
इस सांसद के पास पांच लाख रुपये की संपत्ति
दलों के भीतर भी विजेताओं की संपत्ति में बड़ा अंतर है। उदाहरण के लिए पश्चिम बंगाल की पुरुलिया सीट से निर्वाचित भाजपा उम्मीदवार ज्योतिरमय सिंह महतो ने अपनी संपत्ति महज पांच लाख रुपये घोषित की है। इसी प्रकार अरामबाग से तृणमूल के टिकट पर जीती मिताली बाग ने अपनी संपत्ति सात लाख रुपये घोषित की हैं।
सपा के टिकट पर उत्तर प्रदेश की मछलीशहर सीट से जीतीं प्रिया सरोज ने अपनी संपत्ति 11 लाख रुपये बताई है। देनदारी के मामले में भी तेदेपा के पेम्मासानी शीर्ष पर हैं उन पर 1,038 करोड़ रुपये की देनदारी है।