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New Delhi
एडीआर की रिपोर्ट. दस करोड़ से अधिक की संपत्ति वाले 59 प्रत्याशी
भाजपा के 61 और राजद के 60 प्रतिशत उम्मीदवार आपराधिक पृष्ठभूमि के 
पटना : विधानसभा चुनाव में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशियों की भरमार है. कुल 3540 उम्मीदवारों में 1038 उम्मीदवार आपराधिक मामलों के आरोपी हैं. इन्हें लगभग सभी दलों ने उम्मीदवार बनाया है. 
 
एडीआर और इलेक्क्शन वाच द्वारा जारी रिपोर्ट में बताया गया है कि 794 उम्मीदवार गंभीर आपराधिक मामलों के आरोपी हैं. ऐसे आरोपियों को उम्मीदवार बनाने वालों में भाजपा, राजद, जदयू और कांग्र्रेस जैसी पार्टीयां पीछे नहीं रही हैं. एडीआर और इलेक्क्शन वाच द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बार की विधानसभा चुनाव में मात्र आठ प्रतिशत महिला उम्मीदवार हैं. इनकी संख्या मात्र 273 है.  
 
जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 में 3523 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. उसमें 307 महिलाएं उम्मीदवार थीं. 2010 के चुनाव में नौ प्रतिशत महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में थीं.  मान्यता प्राप्त और निबंधित 158 राजनीतिक दलों ने इस साल चुनाव मैदान में उतरा, 2010 में 91 राजनीतिक दलों ने चुनाव लड़ा था.  1038 ऐसे प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं, जिनपर किसी न किसी प्रकार का आपराधिक मामला दायर है. जहां 59 ऐसे प्रत्याशी हैं जिनकी संपत्ति दस करोड़ तक है. उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.44 करोड़ है. 
 
196 विस क्षेत्र में कम-से-कम तीन आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार : विधानसभा चुनाव में धनपतियों ओर अपराधियों की भरमार के बारे में बताया गया है कि 196 ऐसा विधानसभा क्षेत्र हैं जहां कम से कम तीन आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार हैं. यानी बिहार में मात्र 47 विधानसभा क्षेत्र ही हैं जहां तीन से कम आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवार हैं. 
 
बड़े देनदार की भी संख्या कम नहीं : रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनाव मैदान में ऐसे भी देनदार हैं जिन पर एक करोड़ रुपये से अधिक की देनदारी है. ऐसे तीन उम्मीदवारों में बक्सर के ददन यादव 11 करोड़ की देनदारी, जमुई के उमाशंकर भगत पर 11 करोड़ और कैमूर के प्रमोद सिंह पर सात करोड़ की देनदारी हैं. 
 
संपत्ति एक करोड़ से अधिक की, पर पैन नंबर तक नहीं : रिपोर्ट में बताया गया है कि बड़ी संख्या में ऐसे उम्मीदवार हैं जिनकी संपत्ति करोड़ रुपये में है, पर वे पैन नंबर तक नहीं लिये हें. 
 
ऐसे तीन उम्मीदवारों में पश्चिम चंपारण के आेम शांति बाबा की कुल संपत्ति 19 करोड़, बक्सर के संकट मोचन पांडेय की संपत्ति 11 करोड़ और खगड़िया के उदय प्रकाश सादा की संपत्ति 10 करोड़ रुपये की है. बताया गया है कि अधिक संपत्ति के बावजूद आयकर नहीं देने वालों की भी भरमार है. ऐसे टॉप तीन उम्मीदवारों में अररिया के विजय कुमार मिश्रा की संपत्ति 23 करोड़, पश्चम चंपारण के प्रभुनारायण की संपत्ति 22 करोड़ और गया के शैलेश कुमार की संपत्ति 10 करेाड़ रुपये है.
 
बड़े करोड़पतियों की है भरमार
 
बताया गया है कि इस बार की चुनाव में बड़ी संख्या में करोड़पति उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं. इसमें दस करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति वालों की संख्या 59 है, वहीं पांच करोड़ से दस करोड़ के बीच संपत्ति वालों की संख्या 95 है. एक करोड़ से पांच करोड़ की संपत्ति वालों की संख्या 706 है और 50 लाख से एक करोड़ रुपये की संपत्ति वालों की संख्या 506 है. 
 
आपराधिक प्रवृत्ति वालों को सबने दिया टिकट
 
भाजपा के कुल 157 प्रत्याशियों में 95, जदयू के 101 में 58, राजद के 101 में 61, कांग्रेस के 41 में 23, 1150 निर्दलीयों में 259 उम्मीदवार आपराधिक मामलों के आरोपी हैं. राजनीतिक दलों ने 3450 में 89 हत्या के आरोपी उम्मीदवार हैं. 238 उम्मीदवारों पर हत्या के प्रयास का आरोप है. 
 
58 तो महिला पर अत्याचार के मामलों के आरोपी हैं. वहीं  सांप्रदायिक अशांति फैलाने वाले 13 को राजनीतिक दलों ने उम्मीदवार बनाया है. 50 ऐसे उभी उम्मीदवार हैं जनपर अपहरण का मामला दर्ज होना स्वीकार किया गया है.  43 उम्मीदवार पर लूटपाट का आरोप दर्ज है.