एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के रिपोर्ट के मुताबिक, 25 फीसदी यानी 125 उम्मीदवार करोड़पति हैं. इसमें सबसे ज्यादा बीजेपी के 27 में 18, जदयू के 24 में 19, राजद के 17 में 11, कांग्रेस के 8 में 6, लोजपा के 13 में 8, सपा के 18 में 6, बसपा के 41 में 3 तथा 42 निर्दलीय प्रत्याशी करोड़पति हैं. अर्थात इनके पास एक करोड़ रुपए से अधिक संपत्ति है.

रिपोर्ट के अनुसार, बिहार विधानसभा चुनावों के पहले चरण में 49 सीटों के लिए 583 उम्मीदवारों ने नामांकन पत्र दाखिल किया है. इनमें से 174 उम्मीदवारों पर आपराधिक मामले दर्ज है और 130 उम्मीदवार तो ऐसे है जिनके ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज है जो गैर जमानती अपराध हैं. 16 उम्मीदवार ऐसे है जिनके ऊपर हत्या के मुकदमें दर्ज है. इनमें वारसलीगंज के जदयू प्रत्याशी प्रदीप कुमार पर हत्या के चार मामले दर्ज हैं.
आठ उम्मीदवारों पर एक करोड़ से ज्यादा का कर्ज
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, आठ उम्मीदवार ऐसे हैं जिनके पास एक करोड़ रु. से अधिक का कर्ज है. झाझा के व्यवसायी किसान अल्पसंख्यक मोर्चा के उमाशंकर भगत के पास 11.47 करोड़, बरबीघा के निर्दलीय राधे शर्मा के पास 6.10 करोड़, जमुई के व्यवसायी किसान अल्पसंख्यक मोर्चा के बलदेव प्रसाद भगत के पास 5.03 करोड़, भागलपुर के कांग्रेस के अजीत शर्मा को 3.13 करोड़ रुपए का कर्ज है.
हर पार्टी दागदार
इस मामले में हर पार्टी दागदार है. भाजपा के 14, जदयू के 11, राजद के 17, कांग्रेस के 8 और लोजपा के 8 उम्म्ीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. वहीं, सीपीआई के 14, बसपा के 41, सपा के 9, सीपीआईएम के 12 और 192 के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज हैं.
दो प्रत्याशियों के पास पैसे ही नहीं
पहले चरण में दो प्रत्याशियों के पास एक रुपया भी नहीं है. इन्होंने नामांकन में शून्य संपत्ति दिखाई है. इनमें बखरी से भारतीय जनहित दल के उम्मीदवार सुरेश सदा और हिसुआ से मूलनिवास समाज पार्टी के प्रदीप राजबंशी शामिल हैं. बरबीघा से निर्दलीय उम्मीदवार योगेश्वर मांझी के पास 954 रु. की चल संपत्ति है. इनके पास अचल संपत्ति नहीं है.
वारिसनगर के विनोद कुमार सबसे रईस उम्मीदवार
वारिसनगर: विनोद कुमार सिंह, निर्दलीय, 74.73करोड़ रुपये.
खगडिय़ा : पूनम यादव, जदयू, 41.34करोड़ रुपये.
भागलपुर : अजीत शर्मा, कांग्रेस, 40.57करोड़ रुपये.