चुनावी साल में राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में जबर्दस्त उठाल आया है। हालांकि जिस अंदाज में इन दलों को चंदे मिले, उनकी ओर से पूरी जानकारी देने में पारदर्शिता नहीं बरती गई। बुधवार को चुनाव सुधार की दिशा में काम करने वाली संस्था एडवोकेसी ग्रुप एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स, एडीआर की ओर से जारी रिपोर्ट में यह बात कही गई। रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई को इस साल चंदे में 62.69 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई, जो पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 517 फीसदी अधिक है। बीजेपी ने कहा कि पिछले साल उसे 20 हजार रुपये की राशि से ज्यादा वाले राजनीतिक चंदों की बदौलत कुल 83.19 करोड़ रुपये प्राप्त हुए। एडीआर के अनुसार 90 फीसदी चंदा कॉरपोरेट से आया। बीजेपी ने अपनी कॉरपोरेट डोनेशन की रिपोर्ट आयोग को नहीं दी है। नियम के अनुसार सभी दलों को मिलने वाली डोनेशन की जानकारी नियमित तौर पर आयोग को देनी होती है।
- "प्रजा ही प्रभु है"
- "No Office in this land is more important than that of being a citizen - Felix Frankfurter"