जागरण ब्यूरो, कोलकाता। केंद्रीय चुनाव आयोग ऐसे राजनीतिक दलों का पंजीकरण रद करने पर विचार कर रहा है, जिन्होंने पिछले 5-10 वर्षों के दौरान कोई चुनाव नहीं लड़ा है। साथ ही आयोग ने चुनाव में धन-बल के दुरुपयोग पर रोक लगाने के लिए सख्त कानून बनाने पर भी जोर दिया और चुनावी प्रक्रिया के साथ राजनीतिक दलों में भी सुधार की जरूरत बताई है।
मुख्य चुनाव आयुक्त एचएस ब्रह्मा ने शनिवार को कोलकाता में वेस्ट बंगाल इलेक्शन वॉच एवं एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि वर्तमान में देश में 1,600 से भी अधिक पंजीकृत दल हैं। इसमें से 200 से भी कम पार्टियां चुनाव में हिस्सा लेती हैं। अगर कोई पार्टी पांच, सात अथवा 10 साल तक किसी भी चुनाव में हिस्सा नहीं लेती है तो उसका पंजीकरण अपने आप रद होने की व्यवस्था पर गंभीरता से विचार चल रहा है। कहा, हम उन दलों के खिलाफ गंभीर कदम उठाने की सोच रहे हैं, जिन्होंने कम से कम दो से तीन विधानसभा चुनाव अथवा एक संसदीय चुनाव नहीं लड़ा है। फिलहाल हम ऐसे नियम लागू करने की स्थिति में नहीं हैं, लेकिन दबाव बढ़ा तो यह सिलसिला रुक सकता है।
उन्होंने जनता का आह्वान करते हुए कहा कि चुनावी नतीजे का इंतजार करने के बजाए लोगों को चुनाव में सक्रिय रूप से हिस्सा लेना चाहिए।
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