नई दिल्ली. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक रिपोर्ट के मुताबिक राजनीतिक दलों को 90 फीसदी चंदा कॉर्पोरेट्स देता है. दलों द्वारा चुनाव आय़ोग को दी गई जानकारी में ये बात सामने आई है. हालांकि सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने अभी तक चंदे की जानकारी चुनाव आयोग को नहीं सौंपी है. जबकि कांग्रेस,एनसीपी और सीपीआई को इस साल पिछले साल से ज्यादा चंदा मिला है.

एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की एक विश्लेषण के मुताबिक राजनीतिक दलों को 90 फीसदी चंदे कॉर्पोरेट्स या व्यापारिक घरानों द्वारा दिया जाता है. पार्टियों को दान दिए गए चंदे में से करीब आधा पैसा दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात से आया. जिनमें सबसे ज्यादा चंदा देने के मामले में दिल्ली टॉप पर है.

यह बात राजनीतिक दलों द्वारा चुनाव आयोग को दी गई चंदे की जानकारी से सामने आई है. बीजेपी को अभी भी वित्तीय वर्ष 2013-14 में अपने दानकर्ताओं की जानकारी चुनाव आयोग को देना बाकी है जबकि तीन अन्य राष्ट्रीय पार्टियों कांग्रेस, एनसीपी और सीपीआई को फाइनैंशनल इयर 2013-14 में पिछले वित्तीय वर्ष (2012-13) के मुकाबले 517 फीसदी ज्यादा फंड्स मिले.

राष्ट्रीय दलों को 881 चंदों से कुल 76.93 करोड़ रुपये का चंदा मिला. कांग्रेस को मिले चंदे में इस साल 408 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. उसे पिछले वित्तीय वर्ष (2012-13) के 11.72 करोड़ रुपये के चंदे के मुकाबले इस वित्तीय वर्ष में (2013-14) 59.58 करोड़ रुपये का चंदा मिला. बीजेपी द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष 2012-13 में घोषित की गई चंदे की राशि इस वित्तीय वर्ष में कांग्रेस, एनसीपी, सीपीआई और सीपीएम तीनों को मिले कुल चंदे से ज्यादा है.

एडीआर के फाउंडर ट्रस्टी प्रोफेसर जगदीप छोकरा ने कहा, 90 फीसदी चंदा का कॉर्पोरेट्स से आना राजनीतिक दलों पर कॉर्पोरेट्स सेक्टर के बढ़ते दबदबे को दिखाता है, जोकि चिंता की बात है. सत्ताधारी पार्टी द्वारा अपने चंदे की जानकारी न देना अच्छा लक्षण नहीं है. जो संवैधानिक संस्थाओं के प्रति सम्मान में कमी को दिखाता है जो लोकतंत्र के लिए अच्छी बात नहीं है.'

इस वित्त वर्ष में दिल्ली के कॉर्पोरेट्स और व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय दलों को 45.49 करोड़ रुपये का चंदा दिया गया. इसके बाद महाराष्ट्र से 18.12 करोड़ और गुजरात से 3.01 करोड़ रुपये का चंदा दिया गया.

कांग्रेस को मिले कुल चंदे में से ज्यादातर चंदा दिल्ली से मिला दिल्ली से कांग्रेस को 39.05 करोड़ रुपये का चंदा मिला. वहीं सीपीआई को दिल्ली से 54.6 लाख और सीपीएम को 1.88 करोड़ रुपये का चंदा मिला. एनसीपी को ज्यादातर चंदा महाराष्ट्र से मिला. उसे यहां से 8.02 करोड़ रुपये का चंदा मिला.

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