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New Delhi

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने एक ऎतिहासिक कदम के तहत राजनीतिक दलों को सूचना के अधिकार के दायरे में लाने के लिए चुनाव आयोग को नोटिस भेजकर 6 हफ्तों में जवाब मांगा है। चुनाव आयोग के अलावा सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और छह पार्टियों को भी इस संबंध में नोटिस भेजा है।

केंद्रीय सूचना आयोग पहले ही दे चुका है आदेश... 

बता दें कि एक अपील की सुनवाई के बाद केंद्रीय सूचना आयोग ने यह आदेश दिया था। सीआईसी के अनुसार राजनीतिक दलों को आरटीआई के तहत आने के बाद चंदे से लेकर हर खर्च की जानकारी जनता को देनी होगी। सीआईसी की बेंच ने अपने आदेश में कहा था कि अब सभी राजनीतिक दलों से लिखित रिकॉर्ड मांगे जा सकते हैं। सभी दलों को 6 महीने के भीतर ऎसे अधिकारी नियुक्त करने होंगे जो आरटीआई याचिकाओं का जवाब दे सकें। इसके साथ ही राजनीतिक दलों से कहा गया है कि वे अपनी वेबसाइट्स पर जरूरी जानकारी भी अपलोड करें। 
हालांकि आदेश के मुताबिक पार्टियों को सेक्शन 8(1) और 7(9) में शामिल सूचनाएं बताने की बाध्यता नहीं होगी। 

राजनीतिक दल नाखुश...

सीआईसी का तर्क था कि पार्टियां सरकार से सुविधाएं लेती हैं इसलिए आरटीआई के तहत उन्हें खर्च की जानकारी देनी होगी। हालांकि सीआईसी के इस फैसले से राजनीतिक पार्टियां ज्यादा खुश नहीं थीं। देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के इस कदम पर राजनीतिक दलों की क्या प्रतिक्रिया होती है। - See more at: http://www.khaskhabar.com/picture-news/news-supreme-court-notice-to-cen…