महाराष्ट्र में सीएम को लेकर आखिरकार बीजेपी ने पत्ता खोल दिया. मंगलवार शाम हुई विधायक दल की बैठक में तय हुआ कि देवेन्द्र फड़नवीस प्रदेश के 17वें मुख्यमंत्री होंगे. लेकिन इन सब के बीच एक रिपोर्ट आई है, जो यह दावा करती है कि राजनीति के अपराधीकरण या अपराधियों के राजनीतिकरण के खात्मे की बात करने वाली बीजेपी के दामन में सिर्फ दाग ही नहीं कीचड़ भी हैं! रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र विधानसभा के लिए चुने गए 288 विधायकों में से 57 फीसदी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि खुद फड़नवीस दंगों के 22 मामलों में नामजद हैं.
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, दिल्ली की एक संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने हाल ही एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में जिन 2,336 उम्मीदवारों ने किस्मत आजमाई, उनमें से 798 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि चुने गए सभी 288 विधायकों में से 165 के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इससे पहले के आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2009 में 52 फीसदी और 2004 में 46 फीसदी के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे. मौजूदा चुने गए 165 विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि इनमें से 70 फीसदी यानी 115 पर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें देवेन्द्र फड़नवीस का नाम भी शामिल है. विधायकों पर हत्या, हत्या के प्रयास, किडनैपिंग, फर्जरी और दंगों में संलिप्तता जैसे संगीन मामले शामिल हैं.
बीजेपी के 70 विधायकों के खिलाफ दर्ज हैं मामले
विधानसभा चुनाव में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. पार्टी को 122 सीटें मिली हैं. रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 74 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. यानी 60 फीसदी, जो किसी भी पार्टी के विधायकों में सबसे अधिक है. बीजेपी के 53 विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. जबकि 'एक ही ब्लड ग्रुप की पार्टी' शिवसेना के 63 में से 48 के खिलाफ ऐसे मामले दर्ज हैं.