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New Delhi
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजनीतिक दलों को 2013-14 में 90 फीसदी चंदा कॉरपोरेट्स और बिजनेस घरानों से मिला। इनमें से सिर्फ भाजपा ने चुनाव आयोग को इसका ब्यौरा नहीं दिया है। सत्ताधारी पार्टी द्वारा ऐसा करना अच्छा संकेत नहीं है। एडीआर ने एक रिपोर्ट में यह बात कही है। इसके मुताबिक 2013-14 में कांग्रेस, एनसीपी और भाकपा को मिले चंदे में 62.69 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी हुई है।
यह पिछले साल के मुकाबले 517 फीसदी अधिक है। इस दौरान कांग्रेस को मिला चंदा 11.72 करोड़ बढ़कर 59.58 करोड़ हो गया। माकपा का चंदा 3.81 करोड़ से घटकर 2.097 करोड़ रुपए रह गया। 2012-13 में भाजपा को 83.19 करोड़ चंदा मिला था। यह इस दौरान कांग्रेस, एनसीपी, भाकपा को मिले कुल चंदे से भी ज्यादा था। 2013-14 में मिले चंदे की जानकारी भाजपा ने नहीं दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे अधिक 36.5 करोड़ चंदा भारती ग्रुप के सत्या इलेक्टोरल ट्रस्ट ने कांग्रेस को दिया। यह भी कहा गया है कि कॉरपोरेट्स द्वारा 90 फीसदी चंदा दिया जाना राजनीतिक दलों पर उनकी मजबूत होती पकड़ का संकेत है। नियमानुसार राजनीतिक दलों को 20 हजार से अधिक के हर चंदे का ब्योरा देना होता है।